कविता

यमराज द्वितीय

यमराज जी बोर हो गए
अपनी पुरानी ड्रेस
और भैंसे की सवारी से
सो उन्होंने लिया एक निर्णय
और बोले
मैं बदल रहा हूं अपना यह गेट अप
हो चुका हूं बोर अब इससे
देख रहा हूं
सब अपने को बदल रहे हैं
मैं अभी भी हूं उसी दकियानूसी दौर में
कर विचार यह पहुंचे
एक रेडिमेट गारमेंट स्टोर में
सिर पर सींग ,लाल लाल आंखे
भैंसे पर सवार
देख उनको दुकानदार हो गया अचेत
समझा आज आ गई मेरी मौत
होश आने पर बोला महाराज
अभी मेरे कुछ अधूरे रह गए है काम
दे दो कुछ दिन की मोहलत और
यम जी बोले वत्स
आज मैं नहीं तुझे हूं लेने आया
मैं आया अपने वास्ते आज के दौर का
एक नया जींस शर्ट का जोड़ा लेने
दुकानदार ने उन्हें निहारा मुस्कुराया
और बला टालने को
लगा दिखाने नए आए कुछ नमूने
बोला जगह जगह से फटी जींस
और रंग बिरंगी शर्ट
हैं इस दौर की मांग
यम जी ने उनमें से एक जोड़ा
कर लिया पसंद
पैसे के भुगतान के समय
दुकानदार ने मना कर दिया
उसके बदले धन को लेना
यह मेरी तरफ से उपहार है आपको
जो भी बड़ा अधिकारी जब आता है मेरी दुकान में
सब को मैं उपहार देकर होता अनुग्रहित हूं
आप तो यमराज हैं
आगे का उनका वार्तालाप छोड़ो
यम राज जी पहन नई
जगह जगह फटी जींस और शर्ट
भैंसा छोड़ बैठ नई ली हुई फिटफिटिया पर
लगा काला चस्मा
और सिर पर कैप
पहुंचे राम लाल के द्वार
खड़े हो गए उसके आगे लिए हाथ हथकड़ी
बोले चल बेटा तेरा समय हो गया पूरा
राम लाल बोला दरोगा जी मैंने क्या किया
यम बोले मैं दरोगा नहीं यम राज हूं
तेरा समय हो गया पूरा
लेने तुझे यमलोक को आया हूं
राम लाल हंसा बोला
दरोगा जी काहे दिल्लगी करत हो
रात की खुमारी गई नहीं का अभी तक
बकरार है
यह का हाल बनाए हो
यमराज बोले
मैं दरोगा नहीं
यमराज हूं
यमराज का वरिष्ठ पुत्र
पिता हो गए है बुजुर्ग
अब उनका चार्ज मुझ पर आ गया है
सिर पर सींग और भैंसे की सवारी
वो उनके दौर की थी
मैं नई पीढ़ी का हूं
अपनी ड्रेस और सवारी दोनों बदल चुका हूं
सवारी अब मेरी फिटफिटिया है
बाहर खड़ी तेरे द्वारे है
राजी से चल जाने को
बैठ मेरी फिट फिटिया पर
नहीं तो डाल हथकड़ी खेंच के ले जाऊंगा
मैं नई पीढ़ी का यमराज हूं
यमराज द्वितीय

*ब्रजेश गुप्ता

मैं भारतीय स्टेट बैंक ,आगरा के प्रशासनिक कार्यालय से प्रबंधक के रूप में 2015 में रिटायर्ड हुआ हूं वर्तमान में पुष्पांजलि गार्डेनिया, सिकंदरा में रिटायर्ड जीवन व्यतीत कर रहा है कुछ माह से मैं अपने विचारों का संकलन कर रहा हूं M- 9917474020