बाल कविता

कोयल

अरे!अरे! सुनो
कोयल है आई,
अपनी सुंदर सी
मीठी वाणी है लाई।
कोयल है जो काली
पर सबके मन को भाती है
घने जंगल में बैठी हो
पर तुम्हारी आवाज
कौने-कौने तक पहुंचती है।
इस मीठी वाणी को
तुम कैसे हो गाती।
तुम हो काली पर
दिल की हो अच्छी वाली हो।
अरे!अरे! सुनो
कोयल है आई
अपनी मीठी वाणी है लाई।

नाम- दिशा
कक्षा- नवमी
राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय
गाहलिया
कांगड़ा,हिमाचल प्रदेश

*डॉ. राजीव डोगरा

भाषा अध्यापक गवर्नमेंट हाई स्कूल, ठाकुरद्वारा कांगड़ा हिमाचल प्रदेश Email- Rajivdogra1@gmail.com M- 9876777233