गीतिका/ग़ज़ल

क्यों कलम

क्यों कलम , मुझे इतना आज़माती
क्यों कलम , मुझे जीना ना सीखाती।।
कलम मैं बनी तेरे हाथ की कठपुतली
जैसा चाहे , मुझे कलम वैसा नचाती।।
मेरे जज़्बात दिल पर जब दस्तक देते
कलम कान लगा , सुनके सब लिख जाती।।
कभी तो कलम मुझे मेरे हाल पर छोड़ो
मेरे हालत देख तुम तो शब्दों में सज़ाती।।
छुपाए छुपते नहीं मेरे ग़म , ये आंसूं
आंसू को स्याही कलम खुद में भर जाती।।
वीणा ना हारी थी , ना हारेगी सुन लो
क्यों कलम मुझे कमज़ोर तुम बनाती।।
— वीना आडवाणी तन्वी

वीना आडवाणी तन्वी

गृहिणी साझा पुस्तक..Parents our life Memory लाकडाऊन के सकारात्मक प्रभाव दर्द-ए शायरा अवार्ड महफिल के सितारे त्रिवेणी काव्य शायरा अवार्ड प्रादेशिक समाचार पत्र 2020 का व्दितीय अवार्ड सर्वश्रेष्ठ रचनाकार अवार्ड भारतीय अखिल साहित्यिक हिन्दी संस्था मे हो रही प्रतियोगिता मे लगातार सात बार प्रथम स्थान प्राप्त।। आदि कई उपलबधियों से सम्मानित