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कविता
कल तुम्हारी यादे बीमार हो गयी ना जाने कैसे …… ठंड की चपेट में आ गयी उफ्फ्फ्फ़ बुखार की मानिंद तेज़ तपती जा रही थी चाँद की चांदनी से माथा छुआ हर एक पल दिलासे की बूंद मुँह में डालती रही एहसास दिलाती रही साथ होने , पास होने का और यादे कराहती रही थक […]
बेटी
तेरे पायल के छन छन की आवाज आज भी मेरे कानों मे गूँजते रहतें हैं तेरे पैरो के महावर से घर मे पड़ी छाप को उसी तरह सुरक्षित रखी हूँ जिस तरह तुम मेरे घर मे सुरक्षित थी धीरे से ठुमका लगाना मूँख से गीत गुनगुनाना कॉजल लगे कजरारी ऑखे होठो की मंदमंद मुस्कान घरो […]
कविता : पूजा की थाली
पूजा के थाल में लिए…दीपक,रोली-अक्षत,चन्दन और पुष्प, ध्वजा-नारियल,चूनर,गूगल बताशे,नैवेद्य ,धूप और कपूर ! सुन्दर सी बन्दनवार,मेरे मन में उमंगें हज़ार, आ रही थी माँ तेरे द्वार, तेरी शरण आना था,दीपक जलाना था , गीत-भजन गाना था,घंटा भी बजाना था ! बस दस कदम ही तो चल पाई थी, सहसा ही लड़खड़ाई थी,जब सामने उस अर्ध-विक्षिप्त […]