मुक्तक/दोहा

कोरोना

कौन कोरोना कैसा होता, इस पर मत विचार करो,
निज आंतरिक शक्ति बढ़ाओ, स्वास्थ्य उपचार करो।
कुछ बीमारियाँ होती, कुछ लूट खसोट के फन्दे होते,
बिना ज़रूरत बाहर न जाना, बस इसका प्रचार करो।
जब भी जाना घर के बाहर, नाक मुँह को ढककर रखना,
भीड़ से थोड़ी दूरी रखना, खानपान पर संयम रखना।
कुछ बूँद सरसों का तेल, नित्य रात्रि नाक में डालें,
खाँसी जुकाम अगर हो जाये, हल्दी तुलसी सदा परखना।
— अ कीर्ति वर्द्धन