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जग तारण गणपति
पूजा पाठ कर शीश झुकाये, बेल पत्र संग गंग दुब चढ़ाये। सुमन सा मन में भाव भर के, फूलों की माला हम पहनाये।। मूषक राज के करते सवारी, एक दन्त देवा हो फ़रसा धारी। मार के असुरन को विनायक, सब देवो के करते हो रखवारी।। गण के राजा तुम हो गणराज, विघ्न विनाशक हो महाराज। […]
राधा मैं हारी
सुन लो पुकार मेरी, कहती है राधा बेचारी। अब न बनूंगी मैं राधा, बनके राधा मैं हारी।। सुनो हे गिरधारी मुरली मनोहर अगले जन्म तुम्हें है राधा बनना, बनूंगी मैं कृष्ण कन्हैया तुम्हारा सही जो पीर मैंने तुम्हें है सहना। विरह वेदना में जली, बनके संगिनी तुम्हारी। अब न बनूंगी मैं राधा, बनके राधा मैं […]
आशुतोष है,चंद्रमौली है
आशुतोष है,चंद्रमौली है, शिवशंकर कहलाता है, महाकाल बनकर के बैठा, वो उज्जैयनी वाला है। एक हाथ में माला उसके, एक हाथ में भाला है, एक रूप विकराल है तो, एक सुन्दर सौम्य निराला है। गल मुंडों की माल है उसके, सिष चन्द्रमा साजा है, कंठ गरलमय, गंग सिष पर, रूप अघोरी धारा है। भस्म रमाता […]