गीतिका/ग़ज़ल

गीतिका

हमसे मिलने कभी तुम भी आया करो
हमको  ही  मत  हमेशा  बुलाया  करो
हमने चाहा तुम्हे,  की  खता  मान ली
याद आके  ना  अक्सर  रूलाया  करो
घर जला के वो  करते हैं  रोशन जहां
लपटो से अपना  घर भी बचाया करो
फूल तुम  भेजते  हो सदा  उनके  घर
अपना घर भी तो थोड़ा सजाया करो
जो दिये जल रहे उनको जलने भी दो
जलते दीयो को  तुम  न बुझाया करो
धक्का  देके   गिराना  नही   है  सही
नीचे  गिरते  हुओ  को  उठाया  करो
— शालिनी शर्मा

शालिनी शर्मा

पिता का नाम-स्वर्गीय मथुरा प्रसाद दीक्षित माता का नाम -श्रीमती ममता दीक्षित पति का नाम-श्री अनिल कुमार शर्मा वर्तमान स्थायी पता- केऐ-16 कर्पूरी पुरम गाजियाबाद फोन न0- 9871631138 जन्म एंव जन्म स्थान-09.04.1969, परीक्षित गढ़ गाजियाबाद उप्र शिक्षा एवं व्यवसाय-बीएससी बीएड़,अध्यापिका व सहायक NCC आफिसर (13 यूपी गर्ल्स बटालियन) प्रकाशित रचनाएं एवं विवरण-अमर उजाला काव्य में 48 रचनायें प्रकाशित, विभिन्न पत्रिकाओं में रोज रजनाएं प्रकाशित होती हैं,दो तीन सम्मान प्राप्त