गीत/नवगीत

मोहब्बत

मैंने उन लम्हों से मोहब्बत की है…

मिले थे जब हम तो क्या कहें,
तुम्हारी अदाओं का असर!
सूरत दिखाकर यूँ छुप जाना ,
तुमने तो बस शरारत की है!
पर मैंने उन लम्हों से मोहब्बत की है!

तुम्हारे बाद याद करके तुम्हें,
फिर अकेले में मुस्कुराना!
तुम्हारा कल आने का वादा,
पर फिर लौट कर न आना!
मैंने तुम्हारे हर फैसले की,
दिल से अब तक इज्जत की है!

सच है मैंने उन लम्हों से मोहब्बत की है!

कल जो बीता वो तो बीत गया,
तुम चाहे जो भी समझो आज!
आपस में अपनी चाहे न हो बात,
कुछ तो अपने रिश्ते में था खास!
मैने हरदम तुम से ही मोहब्बत की है!
हाँ …मैंने उन लम्हों से मोहब्बत की है!

— कामनी गुप्ता

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |