मेरी माता कितनी भोली
सिंह सवारी निकली डोली
दैत्यों का संघार मां करती
भक्तों का उद्धार मां करती
जो भी इनके दर पे आता
खाली झोली कभी न जाता
मां का गुणगान हो रहा है
मां का जयकारा गूंज रहा हैं
जयकारा शेरावाली का
जयकारा मेहरावली का
मां आश लगा के आई हूं
कब से झोली फैलाई हूं
जो तेरे दर पे शीश नवावे
मां का आशीष सदा वो पावे।
— विजया लक्ष्मी
संबंधित लेख
सिर मोर मुकुट कुण्डल धारी
सिर मोर मुकुट कुण्डल धारी मनमोहक छवि श्री गिरधारी पग कनक पैजनियां सोहत अति कर कंगन, भाल तिलक धारी सिर मोर………………… यहु रूप निरख राधा प्यारी वृषभान दुलारी सुकुमारी बिसराय गई सुध तन मन की अरु लोक लाज छोड़ी सारी सिर मोर………………. अधरन साजे मुरली न्यारी कटि करधनि बांधे गिरधारी मनमोहन सबको मोह […]
आए नवरात्रे
आए नवरात्रे तेरे शेरावालिये, आए नवरात्रे तेरे महाकालिये। जहां घर-घर में तेरी ज्योति प्रकाश करती हैं , वहां आज कोरोना की महामारी हाहाकार मची है। जहां मंदिरों में बैठकर मां तेरे भजन गाए जाते हैं, आज उन मंदिरों के द्वार बंद पड़े है। जहां लोगों की जुबान पर मां मां की धुन होती है , […]
नवरात्रि पर विशेष – मां दुर्गा
शक्ति का आधार मां तू ! ज्ञान का संसार मां तू !मैं लिये अंधियार सँग में, पर सदा उजियार मां तू ! ज़िन्दगी हर पल भटकती, पर निरंतर सार मां तू ! पाप जब बढ़ने लगें तब, आचरण पर मार मां तू ! सत्य,धर्म, न्याय,नीति, से करे अभिसार मां तू ! हम भले ही पूत […]