विज्ञान

6जी दृष्टिकोण पत्र

वैश्विक स्तर पर विशेष रूप से प्रौद्योगिकी स्वास्थ्य शिक्षा और परिवहन क्षेत्र में भारत के तेजी से अचंभित विकास से दुनिया की नजरें भारतकी ओर उठ गई है,क्योंकि अब सारे विश्व को यह अंदेशा हो गया है कि भारत पहले जैसा नहीं रहा। अब वहां विकास के आगाज़ की झड़ी सी लग गई है। 135 करोड़ जनसांख्यिकीय तंत्र अपने कौशलता ताकत को पहचानकर मिलकर आवाज़ उठ गई है कि मिले सुर मेरा तुम्हारा तो सुर बने हमारा, बस! इस हमारा के सुर को तेजी से विकसित कर यह संकल्प लेना है कि भारत माता को फिर से सोने की चिड़िया बना कर ही दम लेंगे। एक समय था जब हम 2 जी 3 जी 4 जी टेक्नोलॉजी के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहे परंतु अभी हमारे पास दिशा है, रोडमैप है, दूरगामी परिणाम के लिए विज़न 2047 है, कुशल नेतृत्व है, जब यह सारी बातें एक साथ एकजुट हो जाती है तो हर प्रौद्योगिकी में इतिहास रचना लाज़मी हो जाता है, जिसका परिणाम 6जी है जिसके साथ भारत ने इतिहास रच दिया है। चूंकि माननीय पीएम द्वारा 6 जी का अनावरण किया गया है और दूरसंचार क्षेत्र का नाम इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया है इसलिए आज हम पीआईबी के आधार पर इस आर्टिकल के माध्यम से 6 जी दृष्टिकोण पत्र भारत के सामर्थ्य की गाथा पर चर्चा करेंगे।
हम 6 जी सर्विस को आसान शब्दों में समझने को देखें तो, जी का मतलब मोबाइल नेटवर्क की जेनरेशन से होता है यानें 6 जी सर्विस मोबाइल नेटवर्क की 6वीं जेनरेशन है, जो वर्तमान में चल रही 5 जी एलटीई स्टैण्डर्ड से भी अति ज्यादा फास्‍ट होगी। इसकी कनेक्टिविटी, स्पीड, वॉइस क्वालिटी, सिक्योरिटी और अन्य फीचर्स पिछले सभी जेनरेशन से काफी बेहतर होगी।इस नेटवर्क से डाउनलोड और अपलोड की स्पीड 5 जी से बहुत ज्यादा अधिक होगी। इसकी अधिकतम हाई स्पीड अनेक जीबीपीएस प्रति सेकंड तक हो सकती है।
साथियों बात अगर आम 6 जी से होने वाले फायदों की करें तो, इस तकनीक के जरिए स्वास्थ्य सेवाओं में तकनीक का इस्तेमाल बढ़ेगा। इसमें टेलीमेडिसिन के साथ-साथ चिकित्सा क्षेत्र में रोबोट का इस्तेमाल करना बढ़ेगा। दूरस्थ ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में तकनीक के जरिए वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग से गंभीर बीमारियों के इलाज की भी व्यवस्था बनाई जा सकेगी। होटल और हॉस्पिटालिटी सेक्टर में भी रोबोट का इस्तेमाल करना संभव हो सकेगा वर्चुअल रियलिटी के क्षेत्र को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके जरिए आभासी टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा सकेगा। कृषि क्षेत्र में ड्रोन का इस्तेमाल प्रभावी तरीके से हो सकेगा। साथ ही मौसम की जानकारी का अंदाजा ज्यादा सटीकता से लगाया जा सकेगा और उसका प्रसार, हितधारकों तक तेज हो सकेगा। शिक्षा और शोध के क्षेत्र में तेज इंटरनेट और ज्यादा कनेक्टिविटी से बेहतर और जल्दी परिणाम मिलने शुरू हो जाएंगे। 6 जी आपदाओं की वास्तविक समय निगरानी, सटीक कृषि, खतरनाक औद्योगिक कार्यों जैसे गहरी खदानों, अपतटीय गतिविधियों आदि में मनुष्यों की भूमिका को कम करने में मदद करेगा। मौजूदा मोबाइल संचार नेटवर्क के विपरीत, 6 जी नेटवर्क इनमें से प्रत्येक के लिए आवश्यकताओं की अनुमति देगा।
हम दिनांक 22 मार्च 2023 कोमाननीय पीएम द्वारा 6 जी दृष्टिकोण पत्र जारी करने पर संबोधन को देखें तो पीआईबी और टीवी चैनलों के अनुसार उन्होंने कहा, आज का भारत, डिजिटल रिवॉल्यूशन के अगले कदम की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है। आज भारत, दुनिया में सबसे तेजी से 5 जी रोलआउट करने वाला देश है। सिर्फ 120 दिन में, 120 दिनों में ही 125 से अधिक शहरों में 5 जी रोल आउट हो चुका है। देश के लगभग साढ़े 300 जिलों में आज 5 जी सर्विस पहुंच गई है। इतना ही नहीं, 5 जी रोलआउट के 6 महीने बाद ही आज हम 6 जी की बात कर रहे हैं और ये भारत का कॉन्फिडेंस दिखाता है। आज हमने अपना विजन डॉक्यूमेंट भी सामने रखा है। ये अगले कुछ वर्षों में 6 जी रोलआउट करने का बड़ा आधार बनेगा। पीएम ने आईटीयू क्षेत्र कार्यालय एवं नवोन्मेष केन्‍द्र का उद्घाटन किया।भारत 6जी विजन डॉक्यूमेंट का अनावरण किया और 6जी आर एंड डी टेस्ट बैड शुरू किया।कॉल बिफोर यू डिग ऐप शुरू किया। अपनी अर्थव्यवस्थाओं को विकसित करने के लिए डिजिटल परिवर्तन की तलाश कर रहे देशों के लिए भारत एक रोल मॉडल है। भारत की दो प्रमुख ताकतें हैं – भरोसा और पैमाना, बिना भरोसे और पैमाने के हम तकनीक को हर कोने में नहीं ले जा सकते।दूरसंचार प्रौद्योगिकी भारत के लिए शक्ति का तरीका नहीं है, बल्कि सशक्त बनाने का एक मिशन है। भारत तेजी से डिजिटल क्रांति के अगले चरण की ओर बढ़ रहा है। आज पेश किया गया विज़न डॉक्यूमेंट अगले कुछ वर्षों में 6 जी रोलआउट के लिए एक प्रमुख आधार बनेगा।भारत 5 जी की ताकत से पूरी दुनिया की कार्य संस्‍कृति को बदलने के लिए अनेक देशों के साथ काम कर रहा है। आईटीयू की वर्ल्‍ड टेलीकम्‍युनीकेशन्‍सस्‍टैंडर्डाइजेशन असेम्‍बली अगले साल अक्टूबर में दिल्ली में आयोजित की जाएगी।यह दशक भारत का टेक-ऐड है। डिजिटल इंडिया से नॉन डिजिटल सेक्टर्स को भी बल मिल रहा है और इसका उदाहरण है हमारा पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान। देश में बन रहे हर प्रकार के इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े डेटा लेयर्स को एक प्लेटफार्म पर लाया जा रहा है। लक्ष्य यही है कि इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास से जुड़े हर रिसोर्स की जानकारी एक जगह हो, हर स्टेकहोल्डर के पास रियल टाइम इंफॉर्मेशन हो। आज यहां जिस  कॉल बिफोर यू डिग’ इस ऐप की लॉन्चिंग हुई है, और वो भी इसी भावना का विस्तार है और ‘कॉल बिफोर यू डिग’ का मतलब ये नहीं कि इसको पॉलीटिकल फील्ड में उपयोग करना है। आप भी जानते हैं कि अलग-अलग प्रोजेक्टस के लिए जो दिगिंग का काम होता है, उससे अक्सर टेलीकॉम नेटवर्क को भी नुकसान उठाना पड़ता है। इस नए ऐप से खुदाई करने वाली एजेंसियों और जिनका अंडरग्राउंड असेट है, उन विभागों के बीच तालमेल बढ़ेगा। इससे नुकसान भी कम होगा और लोगों को होने वाली परेशानियां भी कम होंगी।
अतः अगर हम अपने पूरे वनों का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि 6 जी दृष्टिकोण पत्र। भारत तेजी से डिजिटल क्रांति के अगले चरण की ओर बढ़ रहा है  ये भारत का कॉन्फिडेंस दिखाता है। भारत के तेजी से अचंभित विकास से दुनिया की नजरें भारत की ओर उठी।
— किशन सनमुख़दास भावनानी

*किशन भावनानी

कर विशेषज्ञ एड., गोंदिया