पुस्तक समीक्षा

माया मालवेंद्र बदेका का सांवली लघुकथा संग्रह

मालवी बोली की वरिष्ठ साहित्यकार माया मालवेन्द्र सांवली लघुकथा संग्रह एक नया प्रयोग जीवन में घटित होने वाले सभी विषय लिए है जिसमे  संदेशात्मक,भावात्मक लघुकथाओं में सभी भाव समाहित किए गए है | लघुकथाकार  अपनी बात को इस तरह से कहती  है कि उससे चाहे तो हर पक्ष को सहमत किया जा सकता है | कहने का मतलब बुरा भी न लगे और बात हो जाती है | बात सही निशाने पर भी पहुँच जाती है | सांवली लघुकथा संग्रह की पठनीयता की गहराई में साहित्य उपासक जाकर विचारों के मंथन से खुबिया,प्रेरणादायक शब्दों को परख कर लघुकथा को और भी बेहतर बनाने का कार्य लघुकथाकार माया मालवेन्द्र बदेका द्धारा किया है।प्रशंसनीय है।सांवली में सांवला रंग खूबसूरती,सौम्यता लिए एक अनोखी छवि के दर्शन कराए है | तनिक लघुकथा की झलक देखे -रमिला ने चहककर  साड़ी की और हाथ बढ़ाया ही था की सासू मां ने एकदम सदी अपनी और खींचते हुए कहा -तन्वी क्या तुम्हे रंगों का संयोजन भी नहीं आता है,अपनी भाभी का रंग देखो और साड़ी का रंग देखो | इसके पक्के रंग पर यह साड़ी कैसे खिलेगी | सांवली है,सांवलो पर सब रंग नहीं खिलते| “शब्द कितनी ठेस मन को पहुंचाते है इसलिए कहा गया भी गया है की सोच समझ के बोलना चाहिए जिससे किसी का मन ना दुखे | दूसरी लघुकथा में तनिक झाँके -एक बड़े शहर में उसके चित्रों की प्रदर्शनी लगी | बहुत चित्र हाथों हाथ बिक गये | अखबार में खबरे छपी | क्या यह वही साँवली लड़की है | कैसी दिखती थी पर आज काम तो बड़ा कर दिखाया | कुसुम मुस्कुराती रही अपने साँवले रंग के साथ अपनी कृतियों को लेकर | अपने हुनर में पारंगत होना ही श्रेष्ठ होता है बजाए रंग की तुलना करना  इस प्रकार कई छोटी छोटी लघुकथाएं है जो पठनीयता को बढाती है | सांवली शीर्षक से कई लघुकथा संग्रह में समाहित है इसके अलावा मंजरी,,बेटे की माँ ,विरहणी,फुरसती,कुंआ ,प्राज्तता ,दहलीज,कर्तव्य ,आस्था मनमौर ,अविवाहित,अशेष,आस,सम्पूर्ण समर्पण ,प्रेमभक्ति ,अकेली ,कोरा पन्ना,भुनना ,दीपावली,आदत,तुलसी बिरवा,संस्कार,भूख ,अस्मिता ,सहमी नन्ही ,सुरभि ,जोगणी ,भीष्म प्रतिज्ञा ,बंदिनी ,सीख रणवीर ,देशदीपक ,कचरा,शगुन समानता,रेशमी फ्राक संगिनी ,मंदिर जाना है,आंख मिचौनी धुएं की लकीरे ,पाषण का स्पर्श,हिममय जड़ता,बड़ा  ना सुदामा,ना कृष्ण बस भाव घर| वही विभिन्न विषयों ,समस्याओं और सामाजिक हालातो पर विचार की दिशा भी दिखाते है | संग्रह जागरूक पाठकों को अवश्य आकर्षित करेगा | |
समीक्षक -संजय वर्मा ‘दृष्टि’
प्रकाशन -मालवा की माया उज्जैन

लेखिका -माया मालवेंद्र बदेका

144 ,गुलमोहर ग्रीन्स कॉलोनी इंदौर रोड़ ,उज्जैन मप्र

मुखपृष्ठ -नारायणी

आकल्पन -विजय व्यास

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /antriksh.sanjay@gmail.com 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच