कथा साहित्यलघुकथा

लड़की का पिता

“अरे ये क्या ? तुम्हारी आंखों में आंसू क्यों ? तुम रो क्यों रही हो ?”
”बहुत पीड़ा हो रही है ।”
”कहाँ ?”
”हृदय में।”
”क्या…? प्लीज, तुम आज मजाक मत करो। मैंने तो तुम्हें एक थप्पड़ भी नहीं मारा।”
”थप्पड़ मार देते, तो शायद इतना दर्द न होता। मेरी आत्मा इतना नहीं कराहती, जितना तुम्हारी बातों के तीर ने इसे छलनी कर दिया है।”
”अरे यार, छोड़ो भी, आज हमारी सुहागरात है। इसे यूं फ़ालतू की बातों में जाया मत करो।”
”तुम्हें मेरी बातें फालतू लग रही हैं। मैं यहां अपना घर, परिवार, माँ-बाप सबको छोड़कर आई हूँ और आपने सुबह से अब तक न जाने कितनी बार ‘अँगूठी छोटी है’, ‘चैन पतली है’, ‘ए.सी. सस्ती है’, ‘बारातियों की खातिरदारी अच्छी नहीं हुई’ कहकर मेरा कलेजा छलनी करके रख दिया है। आपको शायद पता नहीं कि मेरे पिताजी ने मेरी शादी की तैयारी के लिए पैसे जुटाने तब से शुरु कर दिए थे, जब मैं पैदा हुई थी। मेरे तो क्या लगभग हर लड़की के पिता ऐसा करते हैं और लोग कितनी आसानी से कह देते हैं कि बारातियों का स्वागत ठीक से नहीं हुआ। कल को आपकी बहन की भी शादी होगी और लड़के वाले ऐसा कहेंगे, तो कैसा लगेगा आपको या आपकी बहन को ?” ”
”अरे यार ! तुम तो कुछ ज़्यादा ही सीरीयस हो गई। ऐसे तो हर लड़के बाले कहते हैं !” जैसे-तैसे बोल गया वह।
“हर और आप में कोई फर्क नहीं। मुझे ताज्जुब हो रहा है कि मेरी शादी उस लड़के से हुई है, जो अपने को हर ऐरे-गेरे के समान समझता है। जिसकी अपनी कोई सोच नहीं, जो दूसरों के बारे में सोच नहीं सकता।”
“सॉरी, सॉरी डियर, आज तुमने मेरी आंखें खोल दी है। मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई। माफ़ कर दो प्लीज़… प्लीज़… देखो मैं तुमसे कान पकड़कर माफी मांग रहा हूं… आइंदा मैं किसी भी शादी-ब्याह या अन्य कार्यक्रम में किसी भी प्रकार की कमी नहीं निकालूंगा।”
अपने पति को यूं छोटे बच्चों की तरह कान पकड़कर माफी मांगते देख उसने उसे गले से लगा लिया।
— डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा

*डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा

नाम : डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा मोबाइल नं. : 09827914888, 07049590888, 09098974888 शिक्षा : एम.ए. (हिंदी, राजनीति, शिक्षाशास्त्र), बी.एड., एम.लिब. एंड आई.एससी., (सभी परीक्षाएँ प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण), पीएच. डी., यू.जी.सी. नेट, छत्तीसगढ़ टेट लेखन विधा : बालकहानी, बालकविता, लघुकथा, व्यंग्य, समीक्षा, हाइकू, शोधालेख प्रकाशित पुस्तकें : 1.) सर्वोदय छत्तीसगढ़ (2009-10 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 2.) हमारे महापुरुष (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 10-10 प्रति नि: शुल्क वितरित) 3.) प्रो. जयनारायण पाण्डेय - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 4.) गजानन माधव मुक्तिबोध - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 5.) वीर हनुमान सिंह - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 6.) शहीद पंकज विक्रम - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 7.) शहीद अरविंद दीक्षित - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 8.) पं.लोचन प्रसाद पाण्डेय - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 9.) दाऊ महासिंग चंद्राकर - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 10.) गोपालराय मल्ल - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 11.) महाराज रामानुज प्रताप सिंहदेव - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 12.) छत्तीसगढ रत्न (जीवनी) 13.) समकालीन हिन्दी काव्य परिदृश्य और प्रमोद वर्मा की कविताएं (शोधग्रंथ) 14.) छत्तीसगढ के अनमोल रत्न (जीवनी) 15.) चिल्हर (लघुकथा संग्रह) 16.) संस्कारों की पाठशाला (बालकहानी संग्रह) अब तक कुल 16 पुस्तकों का प्रकाशन, 60 से अधिक पुस्तकों एवं पत्रिकाओं का सम्पादन. अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादक मण्डल सदस्य. मेल पता : pradeep.tbc.raipur@gmail.com डाक का पता : डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा, विद्योचित/लाईब्रेरियन, छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम, ब्लाक-बी, ऑफिस काम्प्लेक्स, सेक्टर-24, अटल नगर, नवा रायपुर (छ.ग.) मोबाइल नंबर 9827914888