मुक्तक/दोहा

बेटी कोयल बोल है

बेटी कोयल बोल है, बेटी नाचे मोर।
बेटी तितली सी उड़े,बेटी मचाय शोर।।1
बेटी फूल गुलाब है, बेटी कलियन जान।
बेटी देशोत्थान है, कहत हैं कवि मसान।।2
बेटी कुल की सेतु है, दोऊ कुल की खान।
बेटी सब सेवा करें, कहता जगत बखान।।3
बेटी हिमगिरि श्रृंग है,बेटी कृप की धार।
बेटी हित सबको करें, सेवा का विस्तार।।4
बेटी दुर्गा वैष्णवी ,देवी का अवतार।
बेटी में काली बसे, बने असी की धार।।5
बेटी निंदा ना करो, बेटी बेट समान।
बेटी रूप हि खान है, सांची कहत मसान।।6
बेटी गंगा नर्मदा ,बेटी जमना धार।
बेटी घर की शान है,बेटी से सरकार।।7
बेटी लाडो गोमती,बेटी मोती हार।
बेटी ऋषिअवतार है,करती बेड़ा पार।।8
बेटी रोती देख के, बगिया भी रो देय।
बेटी आंसू करुण रस, सब का दिल हर लेय।।9
बेटी सूरज रूप हैं, करें सदा परकाश।
भूमंडल की शान है, होवे नहीं हताश।10
बेटी सातों राज्य हैं ,हिमगिर की है शान।
नागा आसम त्रिपुरा,अरुणा मणिपुर जान।।11
बेटी सागर सी रहत,करती पर कल्याण।
परहित के हि कारणे, बेटी बनी महान।।13
बेटी चंदा चांदनी,जगत करे उजियार।
बेटी जल अवतार है,जीवन को आधार।।14
बेटी तीनों देव हैं, ब्रह्मा विष्णु महेश।
बेटी धरती की धुरी, धारे रूपहि शेष।।15
बेटी नदियां सी बहत, नित नव बहती धार।
सुर सरिता सी रहत है,चंचल प्रेम अपार।।16
बेटी गीता रामयण, बेटी वेद पुराण।
बेटी बइबिल में बसे, बेटी बसें कुरान।।17
बेटी पेड़ की डार है,वायू से झुक जाय।
बेटी चंदन रूप है, खुशबू दे बिखराय।।18
बेटी बाग अरु बरगद,परहित करती काम।
बेटी रोम-रोम बसे ,देवी चारों धाम।।19
बेटी नदी अवतार है, बह पानी की धार।
बेटी करती है सदा, दोनों कुल को पार।।20
बेटी तीनों काल हैं भूत भविष्य को ज्ञान।
वर्तमान से कीजिए बेटी की पहिचान।।21
बेटी नहि तो कल नहीं, बेटी है तो आज।
बेटी के बिन देश में, नहीं चलेगो राज।।22
बेटी फूल पराग है ,बेटी रस की खान।
बेटी शक्ति अधार है, बाको तू पहिचान।।24
बेटी हंसती फूल है ,बेटी पल्लव जान।
बेटी की मुस्कान से,भगते दुख के गान।।25
एक गाड़ी चक्का द्वै, दोई रहत समान।
बेटी भेद न कीजिए,राखो बाको मान।।26
बेटी साहित जानिए ,बेटी है संगीत।
ईर्ष्यालु संसार में, बेटी करती प्रीत।।27
— डॉ. दशरथ मसानिया

डॉ. दशरथ कुमार गवली 'मसानिया'

व्याख्याता (संस्कृत) *संस्था* :शा.उत्कृष्टउ.मा.वि आगर, जि. आगर-मालवा *शिक्षा :* एम.ए.(संस्कृत, हिन्दी, अंग्रेजी), पीएच.डी. *व्या.शिक्षा* बी.एड.,अनुस्थापन पाठ्य.सीसीआरटी, दिल्ली : *प्रशिक्षक* : सन् 1997 से जिला एवं राज्यस्तरीय शिक्षक प्रशिक्षक *आकाशवाणी* : आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से सन् 2006 से समय-समय पर साहित्यिक एवं शैक्षणिक कार्यक्रम प्रसारित प्रकाशन : राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रिय इलेक्ट्रानिक तथा प्रिंटिंग पत्र पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशन *सम्पादन* : ग्वाल महिमा (14 वर्ष), मुक्त अधर के गान, *क्र नाम पुस्तक प्रकाशन वर्ष* *1* . बैजनाथ महिमा ( ऐतिहासिक शोध) 2000 *2* .मेक इंग्लिश इजि़यर ( अंग्रेजी शोध नवाचार)2005 *3* .मालवी केवातां ( कहावत संग्रह) 2005 *4* . हमारे प्रेरणा स्रोत (जीवनी संग्रह) 2006 *5* . कबीर भजनामृत (मालवी लोक भजन) 2006 *6* . भाषा सूत्र (संस्कृत व्याकरण सार) 2009 *7* . अंग्रेजी चालीसा (गीतिकाव्य) 2011 *8* . व्याकरण पच्चीसा ( व्याकरण नवाचार) 2011 *9* . बेटी चिरैया (काव्य संग्रह) 2012 *10.* थाने बेटी मारी पेट में (काव्य संग्रह) 2013 *11.* बेटियों ने शंख बजाया(लघुकथा संग्रह) 2014 *12.* बाईस दिस को गणित दिन (गणित नवाचार) 2014 *13.* हिन्दी शतक (हिन्दी शिक्षण) 2014 *14* . हिन्दी त्रिवेणी (हिन्दी शिक्षण) 2015 *15* . बेटी बुधिया मर गई (काव्य संग्रह) 2015 *16* .कहत हैं कवि मसान (काव्य संग्रह) 2016 *17* .हिन्दी दोहावली (हिन्दी शिक्षण) *18.* गणित ज्ञान को गाइये (गायन नवाचार) 2017 *19.* हिन्दी के पांच अध्याय (हिन्दी शिक्षण) 2019 *20* .चालीसा गायन नवाचार (काव्य संग्रह) 2021 *अप्रकाशित* : मालवी एवं ब्रज लोकगीतों में कृष्ण कथा-2004(पी-एच.डी.शोधग्रंथ) *सम्मान* : म.प्र.शासन द्वारा आचार्य सम्मान-2007 तथा राज्यपाल पुरस्कार -2019 देश भर में 100 से अधिक सम्मान *दायित्व* : अध्यक्ष, कबीर कलासाहित्य समिति, आगर (रजि.) *सम्पर्क* : 123, गवलीपुरा, आगर, जिला-आगर मालवा (म.प्र.) M-9424001406