लघुकथा – भूख
बार बार एक प्रकार की बात कर रहा है जैसे कहीं से रटा मारकर आया हो और उसकी जुबां ओर
Read Moreबार बार एक प्रकार की बात कर रहा है जैसे कहीं से रटा मारकर आया हो और उसकी जुबां ओर
Read Moreअफसोस अब नहीं होता मैंने जीने की आदत डाल ही ली थी ।अब तुम्हारे न रहने का कोई मलाल नहीं होता।मै मान
Read Moreकई दिनों से मुझे उस शक तो था क्योकि वो रोज छुपकर कुछ न कुछ करता रहता था. कभी किसी से
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