चाहत है शिखर पर बैठकर आसमां छू लूँ। मैं बादलों को हाथों मे लेकर,जी भर खेलूं। मैं किरणों की कूची से चित्र निर्मित करूं सुनहरे रवि से मांगकर चमकीला रंग ले लूँ। पत्थरों से निकल झरना बन विस्तार पाऊं जल बिंदु बनकर गहरे समुद्र में मिल लूं। जंगल के ऊंचे ऊंचे वृक्षों की हरियाली बनूं […]
Author: डॉ. अमृता शुक्ला
हे शारदे माँ
नमन करते हम हे शारदे माँ। भक्ति हमारी स्वीकार ले माँ। हम अबोध संतान तुम्हारी, ज्ञान हमे देकर उपहार दे माँ। जग के अँधेरों में गुम न जाएँ, सत् की राह पर चलते जाएँ, आशा -विश्वास मन में बसाएँ, संकल्पों का दीपक जलाएँ । सारे साथ मिल -जुल रहें , बिछड़े हुआ को परिवार दे […]
डाल डाल पर टेसू फूले
डाल डाल पर टेसू फूले, चलने लगी शीतल बयार। दिन थोड़े गर्मीले हो आए, सुनहरी शाम रही पुकार। कानन ,बगिया मुस्काते हैं , कली फूल से हो गुलज़ार। नीले,पीले,काले,सब रंग की तितली उड़ती पंख पसार। मदनोत्सव के आते ही भंवरे करने लगते गुंजार। आम फिर बौर से भर गए , कोयल कूक के रही पुकार। […]
सूरज निकलता है ,चांद है ढलता
दिन – रात का चक्र निरंतर चलता। मौसम किस तरह से रंग बदलता। समेटे प्रकृति एक तिलिस्म अपने में , सूरज निकलता है ,चांद है ढलता। शरद का चंद्रमा बिखेरता है चांदनीं। सितारों से टका आंचल लगे है बांधनीं। शुभ्र, धवल नभ धरा को बाहों में भरता, हवाएं भी छेड़े जा रही हैं कोई रागिनी। […]
धूप का टुकड़ा
दरवाज़े पर दस्तक हुई। कौन है? पूछने पर जवाब आया , मैं धूप का टुकड़ा हूँ, कुछ देर ही ठहरा हूँ। जल्दी से मनीप्लांट मेरे पास रख दो, कुर्सी रखकर बैठ जाओ, थोड़ी सांस भर लो। अभी शीत का मौसम है, ठंडी हवाओं का रुख है, तभी तक मुझसे मोहब्बत है। तुम्हें इसलिए बुला रहा […]
गणेश वंदना
हे गजवदन गणेश विनायक,भक्ति मेरी स्वीकारें मेरा कोई नहीं है अपना,जग में सिवा तुम्हारे। तुम बुद्धिदाता कहलाते कष्ट हरण कर खुशियाँ लाते बीच भंवर में नाव फंसी,तुम ही लगाओ किनारे माया -मोह में मन भरमाया बैर-झूठ का फैला साया मुक्त करो इस दुर्गम पथ से,मेरा जनम संवारें नैनन बसी तुम्हारी सूरत शक्ति देती पावन मूरत […]
बाल कहानी : रिज़ल्ट का चक्कर
राजू,अपना रिजल्ट तो दिखाओ,_जैसे ही राजू ने घर में कदम रखा उसकी बडी बहन मीरा ने कहा । राजू पढने में बहुत अच्छा था।उसके पेपर भी अच्छे हुए थे।यह बात मीरा दीदी जानती थी फिर भी रिजल्ट देख कर तसल्ली करना चाहती थी। राजू को भी अपने परिणाम पर विश्वास था इसलिए उसने भी दीदी […]
बाल कहानी : बचपन की सीख
“मम्मी बडी़ जोर से भूख लगी है, जल्दी से खाने को दो न।” रसोई में काम कर रही माँ से मुन्ना ने लिपटते हुए कहा। माँ ने ज्योहिं पलट कर देखा तो सिर पकड़ लिया ।गुस्सा होते हुए बोली “ये क्या है मुन्ना? अभी दस मिनट पहले नहला कर साफ कपड़े पहनाए थे और तुम […]
बाल कविता : जामुन का पेड़
छायादार और बड़ा है जामुन का ये पेड़ खड़ा है। पंछी इस पर कलरव करते डाल डाल पर उड़ते फिरते। मौसम में जब फल आ जाते सब इसको खाते आनंद उठाते। मीठा फल है,है गुणकारी गुठली भी दूर करे बीमारी। बच्चों इससे देना सीखो पेड़ लगाओ इनको सींचो। पेडों से है अपना जीवन इनकी रक्षा […]
लघुकथा : श्रवण कुमार
पिताजी की मृत्यु के पश्चात इकलौते बेटे_बहू बिलकुल शोकाकुल नहीं थे बल्कि वे तो परचितों ,रिश्तेदारों से प्रसन्नतापूर्वक मिल रहे थे और गेट तक छोडने जा रहे थे।साथ ही बार बार यही कहे जारहे थे कि सब भाइयों में पिताजी ही सबसे अधिक दिन जिए तेरासी साल के थे।जिसका यही मतलब झलक रहा था कि […]