सुनो पुरुष…. मैं नहीं चाहती.. तुम बचाओ मुझे.. बस लोलुप ना बनो! रक्षा करो मेरी.. बस भक्षक ना बनो! कांटे चुनो मेरी राह के.. बस काँटे ना बिछाओ! फूल बिछाओ मेरी राह में.. बस पत्थर ना चुनो! हर मुश्किल काम खुद करो.. ! मौके दो हमें भी! आसान सी राह दो मुझे.. मेरे पंखों को […]
Author: अंजू अग्रवाल
लघुकथा – पहली मुलाकात
यह उनकी पहली मुलाकात थी! घर पर मिलने मिलाने के झंझट से बचने के लिए दोनों परिवारों ने तय किया की 11:00 बजे दोनों परिवार ताजमहल में मिलेंगे अनामिका को ये प्रस्ताव ठीक लगा क्योंकि घर पर व्यर्थ में पापा के बहुत पैसे खर्च हो जाते थे! सामान्य बातचीत के बाद अनिमेष के पापा ने […]
कविता
मेरी अंतरात्मा में यह कैसी खनक है यह कौन है मेरे दिल में जिसके ना आने की भनक है । कैसे हुआ प्रविष्ट! किस द्वार से? कब? पर द्वार तो सब बंद किए थे मैंने स्वयं भावनाओं के .. और ओढी थी चादर निष्ठुरता की फिर कैसी है कोमल जलधारा! निकलती हुई.. निष्ठुर कठोर पर्वत […]
उम्मीद
चौराहे पर भीख माँगते 8-10 साल के उस बच्चे को देख अनायास ही पूछ बैठी वो – भीख क्यों मांग रहे हो स्कूल क्यों नही जाते? आप पढ़ायेगी मुझे ऑन्टी ? आशा के विपरीत उम्मीद से भरे इस प्रश्न ने उसे हड़बड़ा दिया- अररे मैं कैसे ……..? तभी उसकी बस आ गई और तेजी से […]
तुम….
तुम! जो समझते हो अपने आपको सबसे अधिक बेचारा। तुम, जो व्याकुल हो कि तुम्हे नही मिला, रहने को, एक लंबा आलीशान मकान। क्या देखा है कभी? छत विहीन मकान में रहने वाले, धूल में- मिट्टी के बिस्तर पर सोने वाले। उस खुशहाल मजदूर को। जिसने कभी भाग्य से शिकायत नही की। और जो, ‘तुम […]
एक पत्र गाँधी के नाम
प्रिय बापू आप अमर थे! अमर हैं!और अमर रहेंगे! क्योंकि जो आपने कहा, जिया और गढ़ा, ‘सत्य ही ईश्वर है’ का जो मन्त्र आपने दिया और जो दूरदृष्टि आपके पास थी वो आज भी उतनी ही प्रासंगिक है। आशा ही नही वरन पूर्ण विश्वास है कि जगत गुरू शंकराचार्य ने ‘ब्रह्म सत्यम् जगत मिथ्या’ का […]
एक लड़की
एक लड़की ……. जन्म के साथ ही, अफ़सोस के रूप में अपनायी जाती है। जिसके कद के साथ साथ बढ़ती है, पिता के माथे की लकीरें। माँ के तानो, उलाहनों के बीच, अपने वजूद को तलाशती, जीवन से- जीने के लिये, चन्द खुशनुमा लम्हे माँगती। एक लड़की……… बार – बार हर बार ठुकराई जाती है। […]
लक्ष्मी
लक्ष्मी पूजन के बाद हाथ जोड़कर जब वो लक्ष्मी जी से हमेशा के लिये इसी घर में रहने का आग्रह कर रही थी तभी उसकी गुड़िया भी आँखे बन्द कर कुछ बुदबुदा रही थी। मुस्कुराते हुऐ उसने ध्यान लगाया तो सुनाई दिया- हे लक्ष्मी माता, इस बार आप गली के कोने पर रहने वाली मेरी […]