कहानी: आपरेशन
निर्मला ने अपनी पूरी जिंदगी दूसरों की सेवा में ही लगाई थी ! सबकी प्यारी और दुलारी निर्मला अम्मा की,
Read Moreनिर्मला ने अपनी पूरी जिंदगी दूसरों की सेवा में ही लगाई थी ! सबकी प्यारी और दुलारी निर्मला अम्मा की,
Read Moreकुशाग्र बुद्धि का विक्रम बचपन से ही हर किसी का चहेता था। वह हर कक्षा में प्रथम आता था ।
Read Moreबात उन दिनों की है जब मैं कालेज में पढ़ती थी ! हम आठ लोगों का एक बढ़िया सा ग्रुप
Read Moreदिन-रात की भागदौड़, व्यस्तता की मारधाड़ और अधिक से अधिक पा लेने की चाह में, लगता है रिश्ते कहीं खो
Read Moreलक्ष्मणरेखा “हद होती है बेशर्मी की ! कम से कम बच्चों की तो शर्म की होती !” विछिप्त सा सोहम
Read Moreबहुत ही संवेदनशील थी वो ! खून देखते ही उसे उबकाई आनी शुरु हो जाती थी ! आज उसके घर
Read More“कल किसने देखा? यूँ ही कल की फिक्र में यह ना खाओ, पानी ना बहाओ और तो और… अब बेवकूफों
Read Moreसदियों पहले टकराए ग्रह कहते हैं उससे धरती बनी ! “आग का गोला” थी तब यह, फिर धीरे-धीरे शाँत हुई
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