हिन्दी
माथे पर तेज़, पर आँखें उदास ! इक तेजस्वी वृद्धा को, देखा है आसपास !! “कौन हो देवी?”, आशीष लेते
Read Moreमुझको भी गर… कोई जिन्न मिल जाता, और पूछता मुझसे… मेरी अभिलाषा ! बिन सोचे उसको… मैं कह जाती, काश
Read Moreअरुण जी की दूरदर्शिता का हर कोई कायल था ! कोई भी समस्या हो, कैसी भी समस्या हो, सब का
Read Moreनाजुक सा रिश्ता, तेरा मेरा कसमों से परे, बंधनों से परे !! इक डोर है बाँधे, हम दोनों को दूर
Read Moreकभी प्राण बन कभी बाण बन बींध हृदय को जाते हैं ! ये “शब्द” बहुत कुछ कह जाते हैं !
Read Moreतेरे ख्यालों में… गुजरने लगे हैं रात और दिन तू पास हो न हो, तू संग मेरे रहता है !!
Read Moreअनजान मैं रही कि … क्या मंज़िल है मेरी पूरी शिद्दत से तेरी मंज़िल को अपना ही मानती रही !
Read Moreमेरे घर में भी था एक पीपल का पेड़! आस-पड़ोस, नाते-रिश्तेदार, सभी उसकी निर्मल छाया में ऐसे आकर बैठते थे,
Read More