गीतिका
मिलती है शबनम उतनी ही जिसकी जितनी प्यास है और उड़ानें तय करतीं कितना किसका आकाश है ऊँचाई पर जाने
Read Moreसुषमा : दीदी, आज राज ने मुझे प्रोपोज़ किया है … पर मैं बहुत कन्फ्यूज़ हूँ … यूं तो घड़ी-घडी
Read Moreचलो न फिर से जीवन सीधा-सादा कर लेंकथनी, करनी, सोच एक हों, वादा कर लेंथोड़ा खायें, बहुत हँसे हम हवा-धूप
Read Moreमेरे दिल पर हाथ रखो महसूस करो फिर तेजीये ख़ामोशी की भाषा ना हिंदी ना अंग्रेजीजिनको खूब सँवारा तुमने प्यार
Read Moreकितने अरमानों से धरती नीलगगन को तकती हैप्यार की रोटी शर्म की लौ में धीरे-धीरे पकती हैजो माया पाई है
Read Moreनेह बिना तुम मिलन देह का मत करना स्वीकार इस गंगा में तब बहना जब मन से उमड़े प्यार
Read Moreतेरे सँग मेरे जीवन का हर पल भरा-भरा है. यादों की गुदगुदी ह्रदय में होती ज़रा-ज़रा है. डर था कैसे
Read Moreबारिश-धूप-हवा जैसी सौगातें खत्म न होतीं देखो धरती से अम्बर की बातें खत्म न होती. कितनी दूर धरा है नभ
Read Moreतुम बिन सब मुस्कानें झूठी साज-सिंगार ये जाली है. तुम से ही सब हरियाली है तुम बिन गुलशन खाली है.
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