गाँव का चौपाल,बरगद पेड़ के नीचे गहमा-गहमी चारो तरफ कोलाहल!! गाँव के सारे जनमानस एक दूसरे से घटी-घटना के बारे में बिना रुके झुंड के झुंड होकर वार्तालाप कर रहे हैं।लोग किसी अप्रत्याशित परिणाम के बारे में सोंच-सोंच कर भयभीत है।तभी अचानक पुलिस की कमांडर जीप सायरन बजाते चौपाल के पास पहुचती है।जैसे ही जीप […]
Author: अशोक पटेल "आशु"
आओ-आओ प्यारे बच्चो
आओ-आओ प्यारे बच्चो चलो घूमने-फिरने जाएंगे छुटियाँ अब तो शुरु हुई चलों आनंद खूब मनायेंगे। छुट्टी के संग-संग गर्मी आई आइसक्रीम भी खूब खाएंगे चौंक-चौपाटी गार्डन जाकर झुला खूब हम झूल आएंगे। रंग-बिरंगे ठंडे बर्फ के गोले चलो चुस्कियाँ खूब लगाएंगे फिर खाएंगे चाट-कचौड़ियाँ फुलकियाँ भी खूब खाएंगे। — अशोक पटेल “आशु”
बाल सुलभ मनोभावों की सुंदर अभिव्यक्ति : बाल किशोर कहानी संग्रह– सुम्मी चिड़िया की सीख”
साहित्य सृजन करना,और साहित्य में जीना बिलकुल अलग बात है,बाल कहानीकार श्री टिकेश्वर सिन्हा जी,इन बातों में यदि कोई मेल खाता है तो वह है ,साहित्य में जीना।श्री सिन्हा सर जी वास्तव में साहित्य के लिए जीते हैं।चौबीस घंटे चौबीस पहर,सिर्फ और सिर्फ साहित्य के लिए समर्पित रहते हैं। इनके दूसरे पहलू की बात करें […]
बाल कविता – गुनगुन करता भौंरा आया
गुनगुन करता भौंरा आया फुल कलियों को है रिझाया। चूँ-चूँ करती चिड़िया आईं सुबह का संदेशा ले के आईं। रंग-बिरंगी तितली रानी आई झूम-झूम कर वह नाच दिखाई। फुल-बगीचों में है मुस्काया सबके मन में वह प्रीत जगाया। प्यारी कलियाँ भी मुस्कायी सुंदर रूप अपना है दिखलायी। सर-सर करती हवा भी आई शीतलता का अहसास […]
नारियों का सम्मान ही महिला दिवस
“नारी तुम शक्ति स्वरूपा हो नारी तुम श्रद्धा समर्पण हो, नारी तुम आस विश्वास हो नारी तुम सृष्टी का विकास हो।” ऐसे महान नारी शक्ति को नमन है,जिनके मात्र उपस्थिति से शक्ति,सामर्थ्य,और समृद्धि की श्री वृद्धि हो जाती है।इसीलिए इनको शक्ति स्वरूपा कहा जाता है।मानव जाति के लिए नारी ही एक ऐसा आधार है,जो मानव […]
कविता – आदमी खो गया है
आदमी के भीड़ में आदमी खो गया है है कौन वह जानना मुश्किल हो गया है यहाँ दिल भी कहाँ किसी का मिलता है इसलिए अपना भी अनजाना हो गया है। यह आदमी कितना लापरवाह हो गया है अपनों से जुदा–जुदा बेपरवाह हो गया है किसे कहें अपना हम, बेरहम जमाने से कभी अपना था […]
दर्द तो आखिर दर्द होता है
दर्द तो आखिर दर्द होता है दर्द बांटना भी एक दवा होती है, किसी के बहते आंसु को पोंछना खुदा की दुवा से कम नही होती है। दुनिया मे दर्द बहुतों को है और इसे देने वाले भी कम नही है, अब ये जीना सीख लिए हैं पर दर्द देने वालो को चैन नही है। […]
बाल-कहानी – पुरस्कार
रोज की तरह आज भी शाला में प्रातः कालीन राष्ट्रगान चल रहा था।इसके बाद बच्चों को सम्बोधित करते हुए प्रार्थना प्रभारी मास्टर ने प्रेरक वाक्य के लिए राजू !रामू!गोपाल! कहके पुकारा पर कोई तैयार नहीं हुए। पीछे से राजू ने कहा- “मास्टर जी आज हम लोगों ने कोई तैयारी नही की है।अतःआप से निवेदन है […]
बाल-पहेली
(1) तीन रंग का प्यारा प्रतिक है आसमान में जो फहराता है। हरा,शान्ति,त्याग,झलकाता बच्चों वह क्या कहलाता है? (2) ज्ञान जहां पर बच्चे पाते हैं जहां शिक्षकगण पढ़ाते है। घंटी अलारम राग सुनाते हैं वह स्थल क्या कहलाते हैं? (3) फूलों सा वह प्यारे होते हैं माता के जो दुलारे होते हैं। माली जिनके पिता […]
मंदिरों में वही पूजा जाता है
मंदिरों में वही सदा पूजा जाता है जो छेनी-हथोड़े की चोट खाता है। जब अनघड़ पत्थर तराशा जाता है मंदिरों में वही भगवान कहलाता है। दीपक तभी प्रकाशवान बनता है जब वह तिल-तिल जलता जाता है। और वही दीपक प्रकाशित करता है जो जलने की साहस कर पाता है। कुछ पाने के लिए कुछ खोना […]