समय एक ऐसी चीज है, पता ही नहीं चलता कब बीत जाता हैं | वर्ष 2022 में मेरे लिए संघर्ष एवं व्यस्तता भरा प्रतीत हुआ | जब समय का पहिया चलता है, तो अच्छे-अच्छे तुर्रम खां को औंधे मूंह चित होना पड़ता हैं, तो हम किस खेत की मूली हैं | बात करते हैं वर्ष […]
Author: अवधेश कुमार निषाद मझवार
आखिर पिता ही सब कुछ है
पिता जी है तो सब कुछ है, अगर घर है हमारे पास | वो सब है पिता जी की, धन-संपत्ति भी पिता की देन है || आखिर पिता ही सब कुछ है……………….. पिता है तो मान-सम्मान है, पिता है तो सब कोई अपने है| उनके बिना सब सपना […]
कैसा रहा साल 2021-आत्मकथा
संघर्ष एवं कष्ट दायक रहा साल 2021 मेरे लिए साथ ही जीवन में उतार चढाव तो लगे ही रहते हैं, बात करते हैं साल 2021की जो निम्न है – जनवरी- साल के पहले महीने में आई० सी० एम० आर०,आर० ०एम० आर० सी० से सम्बद्ध ऐन० आई० आर० टी० के टीबी के प्रोजेक्ट में स्वास्थ सहायक […]
समीक्षा- लघु फिल्म “इन्तजार” हुई रिलीज
आगरा | आपको बता दें कि एकलव्य फिल्म एवं टेलीविजन के बैनर तले लघु फिल्म “इन्तजार” का फिल्मांकन हुआ था लगभग एक वर्ष बाद दिनांक 25 सितंबर 2021 को एम०एक्स० प्लेयर एवं ओटीटी पर रिलीज कर दी गई है | फिल्म इन्तजार के निर्देशक श्री राज शेखर साहनी जी एवं मशहूर फिल्म निर्माता (प्रोड्यूसर) श्री […]
भाई बहन का रिश्ता
राजू की मां आवाज लगती है सुन बेटा! राजू बोलता है, जी मां बोलिये क्या बात है, मां कहती ही कल रक्षा बन्धन का त्यौहार है, इस बार तेरी बहन पूजा राखी बाधने के लिए नही आ पा रही है, तुझे ही उसकी ससुराल जाना पड़ेगा | राजू मना करते हुए बोला मुझे नही जाना […]
भाई हो तो आप जैसा
अपने आप में एक बहुचर्चित चेहरा है, कई वर्षो से समाज सेवा में सक्रिय हैं | भैया ने घर परिवार को समय कम दिया है, समाज को पूरा जीवन समर्पित किया है || भाई हो तो आप जैसा….. घर-घर जाकर जागरुक करते है, सबसे विनम्रता से निवेदन करते हैं | कहते है सब रक्त दान […]
आजादी अभी अधूरी है
वीर शहीद जो वतन पर शहीद हुए, सम्मान उन्हें अभी बाकी है | जिस पथ पर चले वो आजादी के लिए, उस पथ पर अपनी लाश बिछा दी थी || आजादी अभी अधूरी है……………… जिनको वास्तव में शहीदों का दर्जा मिले, गुमनाम शहीद अभी बाकी है | कम […]
सच्चा मित्र है बरगद का वृक्ष- संस्मरण
सुबह तैयार होकर बी०आर०डी० मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में अपनी साइकिल से ड्यूटी जा रहा था | उसी समय माता जी का कॉल आया, मां बोली बेटा जो अपने आंगन में बरसों पुराना बरगद का पेड़ लगा हुआ है | उसे परिवार के बंटवारे के कारण काटने को कह रहे हैं | बेटा तू कुछ कर […]
पर्यावरण प्रहरी है डॉ.कुँवर सुखदेव निषाद
पर्यावरण प्रहरी है डॉ.कुँवर सुखदेव निषाद ……………………………………………………….. कहने में और करने में जमीन आसमान जैसा फर्क होता है | लोग सोशल मीडिया पर चिल्लाते दिखाई दे रहे हैं, कि वृक्षारोपण करो ! लेकिन जमीनी स्तर पर कोई कहीं वृक्षारोपण करता नहीं दिखाई दे रहा हैं | आज देश में कोरोना महामारी के कारण देश […]
सस्ती मजदूरी
रोज की भांति घनश्याम के हाथों में खाने का टिफिन नहीं था, सड़क सुनसान होने के साथ ही पूरे बाजार बंद थे | घनश्याम की पीठ में जोरदार लाठी पड़ती है, उसने पीछे मुडकर देखा ! तो वह लाठी पुलिस की लाठी थी | घनश्याम ने दोनों हाथ जोड़कर कहा मैंने कुछ नहीं किया है […]