आभासी एहसास…..
कुछ रिश्ते आभासी होते हुए भी गढ़ लेते हैं मन के आंगन में प्रेम का ताजमहल…. जज्बातों की कोमल नींव
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Read Moreसोच रहा मन इस अकेलेपन की तन्हाईयों में कल और आज में कितना फर्क है कल तक जो मुहब्बत का
Read Moreतुम्हारे एहसासों में खोया मन कभी अकेला ही नही होता माना दूर हो तुम पर तुम्हारी मेरी यादों की संयुक्त
Read Moreमन के अंतहीन हिस्से में परत दर परत उफनता तुम्हारे यादों का समंदर वक्त बेवक्त परिवर्तित हो उठता तूफान में
Read Moreबड़ी उदास थी वो न जाने कौन सा गम ?? समेट रखा था उसे आगोश में जबरन एकदम गुमसुम मैंने
Read Moreसोच रहा मन अकेलेपन की तन्हाईयों में कल और आज में कितना फर्क है कल तक जो मुहब्बत का दम
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