Author: *बाल भास्कर मिश्र

राजनीति

पगडंडी से शिखर तक : द्रौपदी मुर्मू

“दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज नहिं काहुहि ब्यापा॥ सब नर करहिं परस्पर प्रीती। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीती॥” श्री

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इतिहास

वर्तमान में शिवा जी महाराज की प्रासंगिकता

छत्रपति शिवाजी महाराज जी जितने प्रासंगिक सोलहवीं शताब्दी में थे उतने ही प्रासंगिक आज भी हैं, जिस प्रकार की चुनौतियों

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इतिहास

वतर्मान में शिवा जी महाराज की प्रासंगिकता:-

छत्रपति शिवाजी महाराज जी जितने प्रासंगिक सोलहवीं शताब्दी में थे उतने ही प्रासंगिक आज भी हैं, जिस प्रकार की चुनौतियों

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