Author: बासुदेव अग्रवाल 'नमन'

कवितापद्य साहित्य

हरिगीतिका छंद “भैया दूज”

(हरिगीतिका छंद) तिथि दूज शुक्ला मास कार्तिक, मग्न बहनें चाव से। भाई बहन का पर्व प्यारा, वे मनायें भाव से।

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कविता

पुट छंद “रामनवमी”

पुट छंद “रामनवमी” नवम तिथि सुहानी, चैत्र मासा। अवधपति करेंगे, ताप नासा।। सकल गुण निधाना, दुःख हारे। चरण सर नवाएँ,

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कविता

बुदबुद छंद “बसंत पंचमी”

सुखद बसंत पंचमी। पतझड़ शुष्कता थमी।। सब फिर से हरा-भरा। महक उठी वसुंधरा।। विटप नवीन पर्ण में। कुसुम अनेक वर्ण

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