बालगीत – धूप सुहानी
लगती हमको धूप सुहानी। जाड़े की कहलाती रानी।। जब जाड़े का मौसम आता। बहुत-बहुत हमको वह भाता। दादी कहती खूब
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Read Moreसमझ न आती चाल समय की, कैसा नया जमाना है ! शंकित हर आदमी परस्पर, संदेहों के घेरे हैं, थर
Read Moreचूरन त्रिफला लीजिए,ऋतुओं के अनुसार। उदर रोग नासें सभी,शेष न रहे विकार।। अपना जितना भार हो,कर उसके दस भाग। मात्रा
Read Moreनाम था उसका भोला।स्वभाव का भी भोला। दीवाली से दो दिन पहले एक दिन वह अपने खेत की मेंड़ की
Read Moreआपके साथ हर समय रहने वाले ,सबकी अच्छी – बुरी सुनने वाले ;हम आपके ही दो कान हैं। आप ये
Read Moreहमने आज शहर में देखे, मँहगाई के पाँव। पास दीवाली आती देखी, बाजारों में पहुँचे। मुनिया के कुछ कपड़े ले
Read Moreजिसने जग को दिया उजाला। कहलाता वह दीया निराला।। करता दूर अँधेरा सारा। भले गगन में ऊपर तारा।। जुगनू भी
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