दीवाली के वे दिन
यह सत्य है कि बीता हुआ समय कभी लौट कर नहीं आता।यह बात मुझे ही लगती है कि अतीत वर्तमान
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Read Moreयुग -युग से चली आ रही प्रथाओं और परंपराओं को यों ही नहीं भुलाया जा सकता।ये प्रथाएँ और परंपराएं आदमी
Read Moreहुक्का,गुटका,चिलम, तँबाकू।नर- जीवन के हैं सब डाकू।। हुक्के में जो धुँआ उड़ाता।नश्तर तन में स्वयं चुभाता।। सट-सट धुँआ चिलम से
Read Moreगीत गाते मरीं गाँव की गोरियाँ।गिरीं खेत में ज्यों वे भरीं बोरियाँ।। हमासी दानवों ने बहाया लहू,मिट गईं लुट गईं
Read Moreजिया अर्थ-उन्माद में, खोया जीवन-मोल।अहंकार भीषण बढ़ा,चक्षु ज्ञान के खोल।। अपनों से ही शत्रुता,अपनों से ही बैर,लौट वहीं पर आ
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