गज़ल
किस्मत नहीं रही कभी फुर्सत नहीं रही, दिल को मेरे खुशियों की आदत नहीं रही, तुझसे ही बावस्ता थी मेरी
Read Moreसीखना एक ऐसी प्रक्रिया है जो मनुष्य के जन्म से लेकर मृत्यु पर्यंत निरंतर चलती रहती है। आदमी जितना अधिक
Read Moreमैं ही हूँ तेरे हृदय में, मैं ही विस्तारित निशा की, धवल, नीरव चाँदनी में, मैं ही आलोकित हुआ हूँ,
Read Moreसफलता प्रत्येक मानव के जीवन का ध्येय है। हर व्यक्ति सफल होना चाहता है। जिसे धन में रूचि में वो
Read Moreबुराई निस्संदेह बुरी है परंतु उससे भी बुरी है दिखावे की अच्छाई क्योंकि दिखावे की अच्छाई मनुष्य के हृदय में
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