खुश हो जाती औरतें… घर के सारे काम कर, घर को सजाती औरतें । घर-बाहर की थकन चाय के प्याले संग, भुलाती औरतें । खुश हो जाती औरतें… …………… टीवी-सीरियल संग, जोड़ते हुए खुद को, रोती-खिलखिलाती औरतें । तूफान दिल में लिए, सेंकती रोटियों को, चिक जाती औरतें। खुश हो जाती औरतें… …………… ज़रा तारीफ़ […]
Author: भावना अरोड़ा ‘मिलन’
नव प्रण आज करते हैं
सूखते प्रेम के पत्तों में मिल नव प्राण भरते हैं । बीते गम भुला कर हम नव प्रण आज करते हैं बीते गम भुला कर हम नव प्रण आज करते हैं, नेक भावों को मन में रख, चलो शुभ काज करते हैं । किसी भूखे की रोटी बन, बने प्यासे का पानी हम, किसी बूढ़े […]
वीर दिवस
सजे गुरु दरबार में, पूछी माँ ने बात | मात-पुत्र नहीं दीखते, कहो गुरु क्या राज || …………………. व्याकुल वाणी जो सुनी, बोले गुरु तपाक | माता-पुत्र दौऊ यहाँ, चिंता की क्या बात || ………………….. गुरु बोल थे जब सुने, हृदय रहा था काँप | विचलित मन से मात ने,लिया सबै ज्यों भाँप || ………………….. […]
लोगों का व्हाट्सप स्टेटस हमारा स्टेटस क्यों बिगाड़ रहा है?
आजकल लोग सबसे ज़्यादा व्यस्त हैं । समझ ही नहीं आता दिमागी तौर पर, शारीरिक तौर पर या सिर्फ सोच से ! सामान्यत: सभी वर्ग के लोग जो भी काम कर रहे हों आय हेतु, जीवन निर्वहन के लिए किंतु उसके बाद घर-परिवार, सौदा-तरकारी के जरूरी कामकाज निपटाने के मध्यांतर, गेहूँ नहीं बीनते, न धोते-सुखाते […]
हिन्दी की गूँज परिवार का अभिनन्दन
दिल्ली, शांति मुकुन्द अस्पताल कड़कड़डूमा की ओर से हिन्दी की गूँज परिवार के सम्मान में आयोजित ” एक शाम राष्ट्रभाषा हिंदी के नाम” कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। द्वार से सभागार तक हिन्दी के रंग-बिरंगे पट्ट और हिन्दी में आगन्तुक अतिथियों का स्वागत करते डाक्टर्स, नर्स एवम् अन्य कर्मचारी गण हिन्दीमय परिवेश आज की […]
हिंदी की गूंज के दसवें वार्षिकोत्सव का भव्य आयोजन
नई दिल्ली। देश की अग्रणी साहित्यिक संस्था हिंदी की गूंज का दसवाँ वार्षिकोत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर मौजूद विद्वान-विदुषियों ने हिंदी को हिंद की भाषा बताते हुए अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। देश की अग्रणी साहित्यिक संस्था हिन्दी की गूँज का दसवाँ […]
हिन्दी की गूँज का पावस कविसम्मेलन
सुबह की गुनगुनी धूप शाम की परछाई की तरह , तेरा साथ रहा झील की अंगड़ाई की तरह” दिल्ली. देश की अग्रणी साहित्यिक संस्था हिंदी की गूंज के तत्वावधान में आयोजित पावस कवि सम्मेलन सफलतापूर्वक रविवार की शाम को संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभांरभ भावना मिलन अरोड़ा जी की सुमधुर सरस्वती वंदना के साथ हुआ। […]
व्यंग्य कविता
सबकी इच्छा आम हो गए आम आदमी आम ही खा रए, आम ही बिक रए,आम ही पा रए, आम ही कट रए आम ही बंट रए, आमन के बस जूस हैं बन रए । आम खौ पकने आम खौ तपने, आमई को मजा है सबखौ चखने । कच्चे आम,पक्के आम, लंगड़े आम, दशहरी आम, सिंदूरी […]
पितृ दिवस
बिदा के वक्त, तुम सबसे अधिक रोए थे, मेरी हर छोटी बड़ी गलती को भूल, सिर्फ स्नेह था तुम्हारे अश्रुओं में, ज्यों तुम माली मैं फूल । तुमने नई मिट्टी में, दिया तो मुझे लगा, सींच अपने नेह से जड़ों संग, पर ये क्या??? में तो तुम्हें ढूंढती हूँ अब तलक ! खाद, पानी, धूप, सब कुछ […]
अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस
योग से निरोग बने,बने रहें स्वस्थ सब, सबको ही योग का, प्रण लेना चाहिए । भारत जनक है, योग की परंपरा का, विश्व नमन करे, अब सीख लेनी चाहिए । योग अपना के लाभ पा रहा जहां,…… भारत का भी हर घर स्वस्थ होना चाहिए । सबको ही योग का, प्रण लेना चाहिए । भोग […]