आपदा
वाह वाह आपदा में खूब मौके ढूंढ़ते हो विपदा की इस घड़ी में भी नफा नुकसान खोजते हो अरे निर्लज्जों
Read Moreदिन गुजर रहे बड़े मायूस मन डरा डरा न जाने किसकी खबर मिले छोड़ गया साथ अपना दुःख तो है
Read Moreशहर छोड़ लौट चलूं अब वापिस अपने गांव गांव छोड़ शहर आया था कुछ पाने और कमाने किया हिसाब तो
Read Moreक्या चलता किस के मन में जान नहीं सकता कोई कौन अपना कौन पराया बातों से पहचान सके नहीं कोई
Read Moreमालूम है दुनियां है फानी आनी और जानी फिर भी डरता है यह मन इसीलिए तो कैद है न होता
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