चाय पर वार्ता
पास बैठो दो पल चुस्कियां लो गरम गरम चाय की दो तुम कहो दो हम कहें बात अपने अपने दिलों
Read Moreपास बैठो दो पल चुस्कियां लो गरम गरम चाय की दो तुम कहो दो हम कहें बात अपने अपने दिलों
Read Moreजिंदगी की उलझनें भी क्या उलझनें हैं एक सुलझाते सुलझाते दूसरे में उलझ जाते हैं बड़ा जटिल है यह ताना
Read Moreकभी सोचता हूं कि कुछ नया नायाब लिखूं जो भी अब तक लिखा सब पुराना पढ़ा पढ़ाया था पर क्या
Read Moreदिल की यह बस्ती कभी लोगों से आबाद थी आज तन्हा है बड़ी रौनक थी इस बस्ती में न जाने
Read Moreफिजा फिर बदल गई मौसम ने कैसी यह करवट ले ली मौसम में शीत बढ़ गई देखो कैसी यह बयार
Read Moreअाई दीपावली लाई खुशियों की सौगात न दिखे किसी चेहरे पर मलीनता हर चेहरा हो प्रफुल्लित अभाव न रहे किसी
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