Author: *चंचल जैन

कविता

नन्हीं सी कलियां अलबेली!

रुमझुम-रुमझुम पायल छनकाती, खनखन-खनखन कंगना खनकाती।। छुई-मुई सी, चली सुहासिनी मतवाली, प्यारी, दुलारी बिटिया रानी अलबेली।। नटखट, नेह सागर भर-भर

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