गजल
शहर को हाय ये हुआ क्या है? हर जगह धुंध है धुआँ सा है । देखकर मेरी खुशी जलता है,
Read Moreतुमको देखे युग गुजरा है । हाय प्रिये तुम दूर हो गये । हम कितने मजबूर हो गये । वक्त
Read Moreनये साल की तुम्हें बधाई ! नव पल्लव आये शाखों पर। हुए चंपई पीपल , पाकर । बाग-बाग रितुराज आगमन,
Read Moreपास उर के मेरे है , मेरी वेदना । आँसुओं से सनी है मेरी कल्पना। हाय संदेह के विष से
Read Moreअगर राष्ट्र हित सोच रहे हो, जयचंदों का दमन करो । छोड़ो पंथ अहिंसा का अब ,धर्मयुद्ध का चयन करो
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