गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी 20/03/2023 गीतिका आदमी आदमी को खाता है ।और फिर अश्क भी बहाता है। आग है सिर्फ पेट की इसके, जहां भर को Read More
गीत/नवगीत *डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी 09/03/202310/03/2023 गीत – मधुकर तुम वापस तो आये तुम क्या जानो पतझड़ में हम घुट घुट कर कैसे अकुलाये ! मधुकर तुम वापस तो आये ! अनावृत्त मुझको Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी 20/01/2023 गीतिका साँपों को मैंने दूध पिलाया ,गलत किया ।दुर्जन से भी संबंध निभाया,गलत किया । सीने पे वार करके ,मुझे मारता Read More
कहानी *डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी 19/01/2023 रूढ़िवादी यह कहानी शुरू होती है ,गंगा यमुना के मिलन के शहर प्रयागराज से , जहाँ संगम Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी 10/07/202210/07/2022 गीतिका जलते हुए सपनों का धुआँ, घोंट रहा दम । मंजिल कहाँ है ? रास्तों में खो गये हैं हम Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी 10/07/202210/07/2022 गीतिका नम आँखे हैं ,सूना मन है, क्या मैं अपना हाल सुनाऊँ ? जीने से अब ऊब गया मन,डर लगता है Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी 10/07/202210/07/2022 गीतिका बस जोड़ने मे सारा जीवन गुजर गया है । हिस्से में मेरे अब तक केवल सिफ़र गया है। हलचल है Read More
गीत/नवगीत *डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी 07/07/202209/07/2022 गीत पीर असहनीय हुई तब साथी गीत हुए । टूटे अनुबंध सभी ,दूर सभी मीत हुए । नयनों से मोती की Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी 07/07/202207/07/2022 गीतिका बस जोड़ने मे सारा जीवन गुजर गया है । हिस्से में मेरे अब तक केवल सिफ़र गया है। हलचल है Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी 07/07/202207/07/2022 गीतिका तन्हाई की पीर लिखूँगा । इन नैनौं का नीर लिखूँगा। जिसने दिया वियोग क्रौंच को, वही व्याध का तीर लिखूँगा Read More