राजनीति

द्रोण और द्रुपद

हाल ही में हमने देखा। राहुल गांधी संसद में उठे। पी एम के पास गये। उठो उठो कहा। जब तक पी एम समझ पाते , गले लग गये। अलग हो गये। शान से चलने लगे। पी एम ने बुलाया। आये। उनसे हाथ मिलाया। पीठ थपथपाई। कुछ कहा और राहुल चले आये अपनी संसदीय सीट पर। […]

राजनीति

पुरानी पेंशन के हकदार

हाल ही में दिल्ली में रामलीला मैदान में पुरानी पेंशनवाली मांग को लेकर आयोजित की गयी रैली से सरकार को यह समझने में कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिये कि जब सरकार पांच साल के लिए विधायक, सांसद बने व्यक्ति को पेंशन देने को राजी है तो फिर पैंतीस वर्ष तक अपनी सेवा देने वाले एक […]

राजनीति

हिंसा का शिकार आंदोलन

महाराष्ट्र में हुई हिंसा इस बात का प्रतीक है कि वे तमाम दल जो जातिवादी राजनीति करते रहे हैं और जो तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दल जिनका पिछले लोकसभा चुनाव में बुरा हश्र हुआ था और उसके बाद उत्तर प्रदेश में भी इनकी यह राजनीति फेल हुई जिसे हाल ही में गुजरात में पनपाने की कोशिश की […]

राजनीति

नदी बनने की जरूरत

अक्सर जब भी सरकारों की तरफ और सरकारी कार्यालयों की ओर देखता हूं तो उसकी ओर जाती जनता को देखकर अहसास होता है कि शक्ति का केन्द्र बांध बनाकर कुछ कार्यालयों को डैम की तरह प्रयोग किया जा रहा है। सारी शक्तियां वहीं पर केन्द्रित हैं। हमारा लोकतंत्र एक प्रकार से छोटे बड़े डैमों के […]

राजनीति

नोटबंदी और जीएसटी

विगत कई दिनों से नोटबंदी और जीएसटी के कारण बाजार पर होने वाले दुष्प्रभावों पर चर्चा का बाजार गर्म है। निश्चित तौर पर नोटबंदी के दौरान पैसों की अनुपलब्धता व कुछ बैकों द्वारा बरती गयी अनियमितता ने सरकार की उन उम्मीदों को ध्वस्त कर दिया था कि इससे वह कालाधन वापस ला पायेगी। मगर इन […]

राजनीति

जेएनयू पर कुछ कहना है

आधुनिक भारत के निर्माता जवाहरलाल नेहरू हैं और उनकी स्मृति में देश में एक उन्नत विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। उन नेहरू जी के नाम पर स्थापित विश्वविद्यालय में नौ फरवरी 2016 की रात जो नारे लगे उनका सीधा सा अर्थ नेहरू के उस आधुनिक भारत को खंड खंड कर देना था जिसके लिए नेहरू […]

राजनीति

अविश्वास की शिकार आप

बीते कई दिनों से आम आदमी पार्टी का जो संसार उलटपुलट से भरा दिखाई दे रहा है वह दरअसल कई रसोईयों के एक ही रसोई में इकट्ठे होकर भोजन पकाने का नतीजा है। रसोईया यदि एक ही हो तो वह सबकी राय लेकर उनको ध्यान में रखकर भोजन पका सकता है मगर यदि सभी भोजन […]

राजनीति

मोदी के अस्त्रों से चित्त विरोधी

मोदी विरोध एक बार फिर मोदी विरोधियों को भारी पड़ा है । जो लोग विगत कई उपचुनाव में मोदी लहर के समाप्त हो जाने की बातें कर रहे थे उनको पता चल गया होगा कि मोदी लहर के क्या मायने हैं । उन उपचुनावों में मोदी कहीं भी प्रचार करने नहीं गये थे । इसलिए […]

सामाजिक

संस्कृतविरोध के मायने

हाल ही में सी बी एस ई द्वारा विद्यालयों में अगस्त माह में संस्कृत सप्ताह मनाये जाने का आदेश दिया गया । आदेश के साथ ही इसका विरोध भी शुरू हो गया । माना गया कि यह आदेश केन्द्र सरकार के इशारे पर किया गया जिसके अपने कुछ मूलभूत सिद्धान्त हैं । अपनी क्षेत्रीय भाषाओं […]

राजनीति

मोदी के मायने

जब तक लोकसभा चुनाव नहीं हुए थे तब तक उन्हें अनेक पदवियों से नवाजा जा चुका था । मौत का सौदागर , कसाई , लकड़बग्घा वगैरह वगैरह । लोग उन्हें समुंदर में फेंक देने की बात किया करते । लेकिन अब समय बदल गया है । उनके विरूद्ध सभी की इस लड़ाई में वे जीत […]