कविता
ऐ दोस्त बेवजह क्यों मुस्करा रहे हो तुम, कौन है जिसके पास जा रहे हो तुम, हमसे क्या ख़फ़ा हुई
Read Moreखुशी को कौन ढूँढ पाया है, आज सभी दुखी है, नकली हंसी लगये घूम रहे है, बड़ा घर, पैसे, बड़ी
Read Moreशक्ति का रूप है नारी, प्रेम की छाँव है नारी, ठंडी हवा का प्यार है नारी, सेवा का भाव है
Read Moreहोली का त्यौहार है रंगों की भरमार है सभी डूबे है मस्ती में होली है भाई होली है, आसमान में
Read Moreगणतंत्र दिवस आ गया, हर्षोल्लास हो गया, चारों और धूम मची, हर गली में नारा गूंज गया। प्रभात फेरी का
Read Moreलखनऊ की गरिमा लखनवी ने बुलंदी साहित्यिक सेवा समिति अंतरराष्ट्रीय द्वाराआयोजित विश्व के सबसे बड़े वर्च्युअल कवि सम्मेलन में सहभागिता
Read Moreपितर हमारे पूजनीय होते है, इनकी हम वंदना करते है, साल भर में एक समय आता है, जब आपको पूजा
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