हमीद के दोहे
जनता को देते सदा, बातों की सौगात। जनता की सुनते नहीं, कहते मन की बात। उन चीज़ों पर हो रहा,
Read Moreजनता को देते सदा, बातों की सौगात। जनता की सुनते नहीं, कहते मन की बात। उन चीज़ों पर हो रहा,
Read Moreफागुन का यूँ आगमन, सारे जग को खास। होली आकर बाँटती , दुनिया में उल्लास। हिम्मत को अपनी मियाँ, रखना
Read Moreइस सत्य को कोई भी नकार नहीं सकता है कि जिस समाज की भाषा में सभ्यता होती है।उस समाज में
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