आंसू का दर्द,
कुछ आंसू ऐसे होते हैं ,जो पलकों में रह जाते हैं , कुछ आंसू ऐसे होते हैं ,जो मिटटी में
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Read Moreव्रत या उपवास हम बचपन से सुनते और देखते आये हैं, सबसे पहले मंगलवार को हनुमान जी का व्रत सुना
Read Moreवो आस्तिक या नास्तिक ही सही , पर पूरा तो ईमान रखता है … इंसानियत के नाते , इंसान की
Read Moreखामोश हूँ मैं , अब शिकायत नहीं होती, अब इस ज़माने में , किसी का ‘दिल’ समझने की ‘रिवायत ‘
Read Moreशाख से टूटे कुछ पत्ते कुछ मुरझाये ,कुछ सूखे कुछ मिटटी में सने हुवे मुस्काती कलियों को देख रहे थे
Read Moreजीवन जन्म से लेकर अंतिम सांस तक चलता ही रहता है , लेकिन यह जीवन कैसा है, सम्मानित है, सुखी
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