Author: डॉ. जेन्नी शबनम

पद्य साहित्यहाइकु/सेदोका

पर्यावरण

1. भटक रहे  जंगल-मरुस्थल  जीव व जन्तु।    2. जंगल मिटा बना है मरुस्थल  आँखें हैं नम। 3. कब उजड़े  काँप रहे जंगल रौद्र मानव।  4. बिछा पत्थर  खोई पगडण्डी 

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