कविता

माँ ममता की प्रतिमूर्ति हैं

माँ बहुत पवित्र एक नाम है माँ के चरणों में ही चारों धाम है, माँ ममता की प्रति मूर्ति है माँ जीवन में मधुमास लाती। माँ ने जन्म दिया है हमको मांँ की कोख में जीवन पाया, माँ ने जब भी हमको रोता पाया माँ ने ही हमको चुप कराया। खेल-खेल में हमें पढ़ाया भले […]

सामाजिक

झूठे प्यार के तिलिस्म मैं फंसती युवतियां, टूटती संस्कार की कड़ियां

आजकल युवा प्रेम को व्यवहारिक बनाने के चक्कर में प्रेम के मूल संवेदना को ही खत्म करने लगे हैं। जैसे कि आए दिन प्रेम में हत्या या बलात्कार तक की घटनाएं होती रह रही हैं। आजकल युवा का आकर्षण से प्रेम तक के बीच का समय काल काफी कम हो रहा है। कुछ घटनाओं में […]

इतिहास

महान प्रतिभावान गणितज्ञ विभूति- श्रीनिवास रामानुजन

श्री निवास रामानुजन आयंगर एक महान भारतीय गणितज्ञ थे. इन्हें आधुनिक काल के महानतम गणित विचारकों में गिना जाता है. इन्हें गणित में कोई विशेष प्रशिक्षण नहीं मिला, फिर भी इन्होंने विश्लेषण एवं संख्या सिद्धांत के क्षेत्रों में गहन योगदान दिए. इन्होंने अपने प्रतिभा और लगन से न केवल गणित के क्षेत्र में अद्भुत अविष्कार […]

धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

गाय ही इस धरा पर साक्षात देव है

कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी को गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन गौ का पूजन और अर्चन किया जाता है। कहा जाता है कि भगवानकृष्ण ने इसदिन से ही गौओं को चराना आरंभ किया था। इससे पहले वे केवल गाय के बछड़ों को ही चराया करते थे। इस दिन गौ और उनके बछड़ों […]

भजन/भावगीत

जय- जय – जय बाबा केदार

दिव्य हिमालय में धाम तुम्हारा केदार बाबा सबके रक्षक हो, द्वादशज्योतिर्लिंग में श्री केदारनाथ जय- जय – जय हो बाबा केदार। देवों में तुम महादेव हो बाबा भक्तों के तुम कष्ट हरते हो , जो भक्त केदारेश्वर धाम पर आता उसकी मनोकामना पूरी करते हो। तन पर भस्म रमाये हो बाबा कर में त्रिशूल डमरू […]

धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

गाय ही इस धरा पर साक्षात देव है

गोपाष्टमी पर विशेष कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी को गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन गौ का पूजन और अर्चन किया जाता है। कहा जाता है कि भगवानकृष्ण ने इसदिन से ही गौओं को चराना आरंभ किया था। इससे पहले वे केवल गाय के बछड़ों को ही चराया करते थे। इस दिन गौ […]

पर्यावरण

जल ही जीवन है, जल का संचय करें

यह निर्विवाद सत्य है कि सभी जीवित प्राणियों की उत्पत्ति जल में हुई है. वैज्ञानिक अब पृथ्वी के अतिरिक्त अन्य ग्रहों पर पहले पानी की खोज को प्राथमिकता देते हैं. पानी के बिना जीवन जीवित ही नहीं रहेगा. इसी कारणवश अधिकांश संस्कृतियां नदी के पानी के किनारे विकसित हुई हैं … इस प्रकार जल ही […]

कविता

माँ

माँ रामचरितमानस की चौपाई है, गीता का उपदेश है! कविता के अंलकार जैसी है, माँ एक पवित्र नाम है। माँ सरस्वती विद्या की देवी है, ज्ञानी और विज्ञानी दोनों है! करुणा की करुण कहानी है, श्रद्धा , ममता का भण्डार होती है। माँ मंदिर की मधुर ध्वनि होती है, भगवान का प्रसाद होती है! मोहक […]

कविता

तुम ही मेरे गीत हो

तुम मेरे गीत हो, मैं तुम्हारा स्वर हूँ। मेरे जीवन का तुमने अर्थ दिया अब तक मैं बिना अर्थ का था। मेरे जीवन में कितना कोलाहल था अब उर में कलरव तेरी पायल। तुम चंचल सी तितली हो प्रिय फूलों की डाली पर मंडराती हो। मेरे जीवन में मधुरस घोल दिया है इस जीवन को […]

कविता

शब्द बौने हो गए

प्रातःकाल चारों ओर देखता हूँ, हरियाली ही हरियाली है सूर्य की पहली किरण , वसुंधरा पर जब पड़ती है, तब सोचता हूँ , कि कोई कविता लिखूँ। याद आता है, खूँटे से बंधा, लाचार बेबस पशु, याद आ जाती है, झोपड़ी में रोती, अपने आप को कोसती, वह अबला, जो परिस्थितियों की मारी है। क्या […]