बाल कविता
बन सिपाही जिस दिन सरहद पर जाऊंगा। दुश्मन को फिर उस रोज़ मज़ा चखाऊंगा। मां तुम रोना मत गर वापिस
Read Moreकोई आत्मा ऐसा कर सकती है या कोई ऐसा इन्सान जिसने जीते जी बहुत अन्याय सहा हो मरने क बाद
Read Moreसुधा सिर्फ एक गृहणी बन कर रह गई थी न तो कोई उसकी कही बातों को गौर से सुनता था
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