“ममा, मैं कितनी भी कोशिश करूं मेरा मन शांत नहीं रहता, मैं क्या करूं?” व्यथित मानसी बोली. “सफाई.” “मन शांत रखने से सफाई का क्या ताल्लुक है?” मानसी के स्वर में तनिक तलखी थी. “मन में कूड़ा-कचरा भरा होगा, तो मन बचैन ही रहेगा न, कैसे शांत रहेगा? और सबसे पहले मन की, बोलने की […]
Author: *लीला तिवानी
मंत्र
रेस के मैदान में सलोनी दौड़ने को बिलकुल तैयार थी. रेस शुरु होने का संकेत मिलते ही रेस शुरु हुई. सलोनी ने भी दौड़ना शुरु किया. पर यह क्या! दौड़ना शुरु करते ही उसके जूते का फीता खुल गया. उसने रुक कर फीता बांधा और दौड़ना शुरु किया. वह दौड़ी, तेज दौड़ी, और तेज दौड़ी, […]
झोपड़पट्टी से फेलोशिप तक
“यूनिवर्सिटी द्वारा मेरिट और अकादमिक रिकॉर्ड के आधार पर आपको अमेरिका की सबसे प्रतिष्ठित फेलोशिप में से एक ‘चांसलर फ़ेलोशिप’ दी जाती है.” सरिता के पास आया यह मैसेज मानो जिंदगी की अनमोल खुशी का मैसेज था. “यह तो अब की बात थी, तब!” सरिता की विचार-लहरी बह चली. “हम सब भाई-बहन पापा जी के […]
मजदूर
मैं मजदूर हूं, नवनिर्माण मैं करता हूं, रहने को छत जुटा न पाऊं, महल खड़े मैं करता हूं. मैं मजदूर हूं, खेतों में मैं खटता हूं, मेरा पेट भरे-न-भरे, औरों के पेट मैं भरता हूं. मैं मजदूर हूं, वस्त्र अनेक मैं बुनता हूं, तन भी ढंग से ढक नहीं पाऊं, औरों के तन ढकता हूं. […]
झरना
झर झर झरता है झरना, झर झर कुछ कहता झरना, गीत प्रेम के गाता है, प्रेम सिखाता है झरना. हरदम झरता, कभी न थकता, कोई शिकायत कभी न करता, आनंद का स्त्रोत है झरना, झर झर झरता है झरना. जोग प्रपात (Jog Falls ) कर्नाटक में शरावती नदी पर है। यह चार छोटे-छोटे प्रपातों – […]
गौतम बुद्ध
बौद्ध धर्म के संस्थापक थे गौतम बुद्ध, प्रेम और शांति का अवतार थे गौतम बुद्ध. ज्ञान का प्रकाश थे गौतम बुद्ध, सत्य-अहिंसा के प्रचारक थे गौतम बुद्ध. अच्छी सोच के धारक थे गौतम बुद्ध, क्रोध के संहारक थे गौतम बुद्ध. गौतम बुद्ध की शिक्षाओं पर चल, कहला सकते तुम भी गौतम बुद्ध.
मुंडका के दर्द में मरहम
कुछ लोगों का जन्म ही घाव देकर सर्व सत्यानाश के लिए होता है, वहीं कुछ लोगों का जन्म ही मरहम बनकर इंसानियत की मिसाल बनने के लिए होता है. मुंडका के दर्द में बबलू जी ऐसे ही मरहम बनकर उभरे! “कितनों को बचाया, उनकी गिनती कौन करे!” “खुद को कितनी चोटें लगी हैं, उनकी परवाह […]
दो बूंद पानी
“कम्मो, कहीं से दो बूंद पानी लादे, प्यास से जान जा रही है.” मां ने बेटी से कहा. “प्यास को भी हम पर तरस भी नहीं आता, पता है कि पानी नहीं है तो प्यास लगती ही क्यों है?” कम्मो और क्या कह सकती थी. रीते बरतन लेकर पानी की तलाश में चल पड़ी. जहां-जहां […]
कौआ
“मैं बहुत परेशान हो गई हूं.” सोफी ने अपनी सहेली मार्गी से कहा. “वह मेरे घर की खिड़की के पास आकर बैठ जाता है.” “तो क्या हुआ? बैठने दे.” मार्गी ने कहा. “तू तो उसके साथ मिली हुई लगती है, इसलिए ऐसा कह रही है. पता है वह खिड़की के पास बैठ कर खिड़की पर […]
जीवटता
आजकल रश्मि मायूस-सी रहती थी. फिर से बेटे-बहू के पास जो जाना था. व्यक्त न कर पाने पर भी पिछली बार का दर्द उसे अभी तक साल रहा था. अब फिर उसे लग रहा था, जैसे वह जिंदगी को धकेल रही है. दिन तो किसी तरह कट जाता था, पर रात की नींद का क्या! […]