(बाल काव्य सुमन संग्रह से) सर्वशक्तिमान दाता, प्रेममय संसार दो, वाणी में हो मधुरता, मन में मृदुलता-सार हो. आयु की रक्षा करो प्रभु, प्राण की रक्षा करो, ध्यान की रक्षा करो प्रभु, ज्ञान की...
(बाल काव्य सुमन संग्रह से) शारदे मां, शारदे मां, हमको अपना प्यार दे मां, बल-बुद्धि-विद्या-ज्ञान-दान दे, भव से हमको तार दे मां. श्वेतवसन हैं मत तुम्हारे, श्वेतकमल तेरा आसन है, मधुर कंठ-वर देने वाली, हंस तुम्हारा...
कवि तुम पुजारी हो दृश्य के अदृश्य के श्रव्य के सत्यम के शिवम के सुंदरम के. कुछ भी नहीं है तुम्हारे लिए व्यर्थ क्योंकि तुम सार-सार ग्रहण करने में हो समर्थ. तुम संवेदनशील हो...
हड्डी एक बड़ी ले मुंह में, कुत्ता एक बहुत हर्षाया, कहीं अकेले में खाने की, मन में ठान नदी पर आया. पानी में परछाई देखी, कुता एक हड्डी दाबे था, सोचा उसने वह भी ले लूं,...
एक शिकारी एक पेड़ पर, कबूतरों को देख लुभाया, झटपट दाने डाल वहीं पर, उसने अपना जाल बिछाया. जाते देख सभी को खाने, गुटरू गूं सरदार चिल्लाया, ”दानों के संग जाल पड़ा है”, लेकिन उसकी कौन...
हाथी एक रोज़ जाता था, पास एक दर्ज़ी के, दर्ज़ी उसको रोटी देता, हाथी करता ”नमस्ते”. एक बार दर्ज़ी ने उसको, सूंड में सुई चुभो दी, गुस्सा आया हाथी को भी, दोस्त ने दोस्ती खो दी....
भेड़ चराने वाला रामू, करता था मनमानी, एक बार मज़ाक करने की, उसने मन में ठानी. ”आया भेड़िया मुझे बचाओ”, कहकर वह चिल्लाया, ”जल्दी आकर मुझे बचाओ, यहां भेड़िया आया. लाठी लेकर लोग आ गए, ”कहां...
गीदड़ तीन देख हाथी को, खाने को थे ललचाए, बिना किसी तरकीब के हाथी, बस में कैसे आ पाए? गीदड़ गठरी लेकर धन की, बोले, ”हाथी मामा जी, नदी पार करके दिखलाओ, बनवा देंगे पजामा जी.”...
करते-करते सैर लोमड़ी, एक बाग में जा पहुंची, अंगूरों के गुच्छों वाली, बेलें देखीं कुछ ऊंची. अंगूरों को देख लोमड़ी, झट खाने को ललचाई, अंगूरों की लालच में तब, उसने ऊंची कूद लगाई. पहुंच न पाई...
एक शेर जंगल में सोया, मीठे सपने देख रहा, चूहा एक शेर के ऊपर, उछल रहा और कूद रहा. पंजे में ले शेर ने उसको, कहा, ”अब तुझको मैं खाऊंगा, बोला चूहा, ”दया करो कुछ, काम...
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