“कुंडलिया छंद”
गर्मी का है बचपना, जीवन हुआ मोहाल अभी जवानी देखना, बाकी है दिन लाल बाकी है दिन लाल, दनादन
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Read Moreमहक उठता सुखा उपवन तरलता पास आने पर। निगाहें भी छलक जाती मधुरता हाथ आने पर॥ बहुत देखा जमाने को
Read Moreशीर्षक मुक्तक, प्रदत शीर्षक / शक्ति /बल/ताकत आदि ताकत बल भी खूब है, जब तक रहे शरीर जर जमीन और
Read Moreयूँ तो एक भले आदमी थे झगडूं काका , पर थोड़े जिद्दी थे …. ऊपर से सत्य बोलने का
Read Moreक्षमा करो गलती प्रभो, गौरी नन्द गणेश मोदक लड्डू पाइए, शिव सुत प्रभु महेश।।- 1 जगजननी भयहारिणी, कृपा करो
Read Moreतीन पीढ़ियाँ मिल रहीं,, नाती बेटा बाप कितना सुंदर सृजन है, नैना हरषे आप नैना हरषे आप, अंगुली पकड़ के
Read Moreतुम्ही ने चैन चुराना, हमें सिखाया था प्यार मैंने भी किया, तुम्हें बताया था तेरा वो वक्त जमाना दिखाया
Read Moreमन कहता काला करूँ, काले धन की बात पर कितना काला करूँ, किससे किससे घात किससे किससे घात, कहाँ
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