“दोहा मुक्तक”
किस्मत बहुत महान है, पुलक न आए हाथ कर्म फलित होता सदा, अधिक निभाए साथ न बैठो मन भाग्य पर,
Read Moreकिस्मत बहुत महान है, पुलक न आए हाथ कर्म फलित होता सदा, अधिक निभाए साथ न बैठो मन भाग्य पर,
Read Moreसमय बीत जाता है यादें रह जाती हैं। आज उन्हीं यादों की फहरिस्त में से झबरी की याद आ गई,
Read More“कुंडलिया” चला लक्ष्य नभ तीर है, अर्जुन का अंदाज समझ गया है सारथी, देखा वीर मिजाज देखा वीर मिजाज, दिशाएं
Read More“चइता- गीत सखी मन साधि पुरइबे हो रामा, चइत पिया अइहें ननद जेठानी के ताना मेंहणा नाहीं पिया भेद
Read More“दोहा मुक्तक” आँसू सूखे नभ गगन, धरती है बेचैन कब ले आएगा पवन, मेरी रातें चैन खिलूंगी मैं पोर पोर,
Read More“कर प्रण सपथ” कर प्रण कर प्रण कर प्रण करप्रण सपथ हर बेटा माँ भारती का चलता उसके पथ वह
Read Moreरोज-रोज, सुबह ही सुबह, जोर-जोर से बाँग देकर पुरे गाँव को जगाने वाला मुर्ग़ा दो दिन से न दिखाई
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