“दोहा”
“दोहा” नहि पराग कण पाखुडी, कलियन मह नहि वास कब वसंत आयो गयो,***चित न चढें मधुमास ||१ सोन चिरैया उड़
Read Moreआज उजाले भी रास नहीं आते गुम जिंदगी उल्लास नहीं भाते ढूढती बहूत गहरे उतर खुद को हाथ लगते पर
Read Moreकहीं प्यार अपना भुला तो न देना निगाहों से अपने गिरा तो न देना || चिंता हमारी पर है मंजिल
Read More(1) रे मन तुमकों समझ ना आये अब भी तो समझ दार ना समझ हों गया (2) आ अब लौट
Read More“हवा का झोंका” वह दिल हचमचा कर चली गयी मुझे छूकर किनारे से बड़ी सिद्दत से पूछा तो लोंग कहते
Read More“तारनहारा है” (भजन) गोकुल मथुरा वृन्दावन, कणकण में समाया है राधे राधे बोलो, बोलो कृष्ण कन्हैया आया है || गोकुल
Read Moreबांकेबिहारी चितवन अनुपम अदा मुरारी फिर से बुला रही है यमुना तुझे अरारी || मुरली बजाओं मोहन राहें विकल कछारी
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