“शामियाने में”
कुछ तो बात खास है इस ज़माने में मुसाफिर टिकता नहीं, आशियाने में दूल्हा बन बारात, सबने किया होगा आज
Read Moreकुछ तो बात खास है इस ज़माने में मुसाफिर टिकता नहीं, आशियाने में दूल्हा बन बारात, सबने किया होगा आज
Read Moreपीपर की छैयां में बरगद की आस लिए ढूंढे सुहाग सुर्ख प्रीतम को पास लिए रूपवान कलश धरे मोहक शरीर
Read Moreहरी घास चरने गयी थी गर्मियों में कहीं गंदे गड्ढे में गिर कर आयी है नहीं सुधरेगी नासमझ भैंस कहीं
Read Moreउठता हूँ गिरता हूँ चलने के खातीर पढता हूँ लिखता हूँ चलने के खातीर निगाहें लगी सिर्फ मंजिल डगर पर
Read Moreबोलो सजन मंजूर है क्या तनिक बताओ कसूर है क्या छाई रहूँ कि परछाई रहूँ तेरे नैनों में मेरा गुरुर
Read Moreक्यों पूछते हो मेरे गाँव का पता माफ करना गर हुयी कोई खता || अदब से रहता हूँ इसी
Read Moreआज गांवों में गाँव ये वीरान सा क्यूँ है हर सड़क पर शहर परेशान सा क्यूँ है जिन गलियों में
Read Moreगर्मी का महीना था | बाग में कुछ बच्चे और बडे तिलमिलाती गर्मी से बचने के लिए पेड़ों की छाँव
Read Moreरोज-रोज ना होय रे मुरख, तेरा मन मुझसे मनुहार मेरे अंदर भी एक आदम, खुद झिझके ना करे गुहार |
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