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उत्तरांचली के आलेख-संस्मरण

मेरे आलेख और संस्मरण पर एक मात्र पुस्तक “उत्तरांचली के आलेख-संस्मरण” ऑनलाइन हेतु पीडीएफ भेज रहा हूँ। इसे पढ़ने के लिए लिंक को क्लिक करें। Uttranchali–Aalekh — महावीर उत्तरांचली

आत्मकथाएं

पुस्तक “रामभक्त शिव”

लेखक महावीर उत्तरांचली की पुस्तक “रामभक्त शिव” तैयार है। इस पुस्तक में जीवनी व 108 दोहे हैं।   इसका लिंक नीचे दिया जा रहा है। इसे क्लिक करके आप पुस्तक को पढ़ सकते हैं। आपका ही महावीर उत्तरांचली   RAMBHAKT_SHIV

मुक्तक/दोहा

गुरुदेव रफ़ी पर दस दोहे

सदा फ़रिश्ते की रफ़ी, तेरी ये आवाज़ है महफ़िल का नूर ये, सबको तुझपे नाज़ // 1. // सुरों का बादशाह तू, नग़मों का उस्ताद तुझसे रौशन महफ़िलें, सदा रहेगा याद // 2. // सरगम की पहचान तू, गीतों का सम्मान तेरे इक-इक गीत पर, खिल जाये मुस्कान // 3. // दिल में है मन्नत […]

मुक्तक/दोहा

कोरोना दोहा एकादशी

कोरोना की मार से, होकर सब मजबूर बैठे हैं बेकार हम, कामगार मज़दूर // 1. // कोरोना के रोग ने, किया कुठाराघात संकट पूरे विश्व में, चीन की खुराफ़ात // 2. // कोरोना का वायरस, जीना हुआ हराम आज सम्पूर्ण विश्व में, मच रहा कोहराम // 3. // कोरोना ने कर दिया, मानव को बीमार […]

मुक्तक/दोहा

अप्रैल फूल दोहा एकादशी

हाय! मार्च क्यों कर गया, यूँ जाने की भूल आया है सरकार फिर, आज अप्रैल-फूल // १. //   आज अप्रैल-फूल है, खो गया कहाँ मार्च अँधेरे में मूर्ख दिवस, ढूँढ रहा है टार्च // २. //   हिन्दी में जो ‘पुष्प’ है, उसका किया अनर्थ अंग्रेजी में ‘मूर्ख’ है, ‘फूल’ शब्द का अर्थ // […]

कहानी

कहानी – “माँ”

“सूरा-40 अल-मोमिन,” पवित्र कुरआन को माथे से लगाते हुए उस्ताद अख़लाक़ ने कहा, “शुरू नामे-अल्लाह से। जो बड़ा ही मेहरबान और निहायत ही रहम करने वाला है। यह पवित्र कुरआन उतारी गई है, अल्लाह की तरफ से। जो ज़बरदस्त है। वह जानने वाला है। वह माफ़ करने वाला और तौबा कुबूल करने वाला है। वह […]

गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

तसव्वुर का नशा गहरा हुआ है दिवाना बिन पिए ही झूमता है नहीं मुमकिन मिलन अब दोस्तो से महब्ब्त में बशर तनहा हुआ है करूँ क्या ज़िक्र मैं ख़ामोशियों का यहाँ तो वक़्त भी थम-सा गया है भले ही खूबसूरत है हक़ीक़त तसव्वुर का नशा लेकिन जुदा है अभी तक दूरियाँ हैं बीच अपने भले […]

कुण्डली/छंद

कुण्डली : सन पचास लागू हुआ

सन पचास लागू हुआ, अपना शासन तन्त्र पर्व छब्बीस जनवरी, कहलाया गणतन्त्र कहलाया गणतन्त्र, विधान बना भारत का है अधिकार समान, आदमी वा अौरत का महावीर कविराय, खूब उत्साहित जन-जन हुआ है फलीभूत, पचास बड़ा ही शुभ सन — महावीर उत्तरांचली चलभाष: 9818150516  

गीत/नवगीत

गीत : फूल खिले हैं प्यार के

फूल खिले हैं प्यार के गले मिलो गुलनार के साये में दीवार के फूल खिले हैं ………………. जीतो अपने प्यार को लक्ष्य करो संसार को अपना सब कुछ हार के फूल खिले हैं ………………. ऐसे डूबो प्यार में ज्यों डूबे मझधार में नैया बिन पतवार के फूल खिले हैं ………………. ख़ुशी मनाओ झूमकर धरती-अम्बर चूमकर […]

गीत/नवगीत

गीत : अपने भीतर, तू निरंतर, लौ जला ईमान की

अपने भीतर, तू निरंतर, लौ जला ईमान की तम के बदल भी छंटेंगे, यादकर भगवान की अपने भीतर तू निरंतर ………………….. है खुदा के नूर से ही, रौशनी संसार में वो तेरी कश्ती संभाले, जब घिरे मंझधार में हुक्म उसका ही चले, औकात क्या तूफ़ान की अपने भीतर तू निरंतर ………………….. माटी के हम सब […]