Author: *मनमोहन कुमार आर्य

धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

‘जीवन का मुख्य लक्ष्य’ विषय पर सन्त-शिरोमणि स्वामी सत्यपति जी का उपदेश

ओ३म् स्वामी सत्यपति जी, रोजड़ आर्यजगत् के विख्यात योगी व सन्त हैं जिन्होंने अपना जीवन योगाभ्यास, दर्शनों के अध्ययन व

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

ईश्वर और जीवात्मा स्थूल आंखों से दिखाई क्यों नहीं देते?

ओ३म् हम इस संसार के सभी स्थूल पदार्थों को अपनी आंखों से देखते हैं और उनकी रचना और उससे होने

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

हमारा विनाशक हमारे प्रतिघात से दूर जा गिरे

ओ३म् देश में मुख्यतः जम्मू एवं कश्मीर राज्य में आजकल अशान्ति है। देश रक्षक हमारे सैनिक बिना किसी कारण मारे

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

योगऋषि स्वामी रामदेव जी की योग विषयक सर्वजनहितकरी सत्य व यथार्थ मान्यताएं

ओ३म्   योगदर्शन वेदों के 6 उपांगों में से एक है। आर्यसमाज के विद्वान संन्यासी स्वामी वेदानन्द तीर्थ जी ने

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

ऋषि दयानन्द प्रणीत हिन्दी धर्मग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश क्यों पढ़े?

ओ३म्   संसार में पुस्तकों व ग्रन्थों की बात करें तो इनकी संख्या अगणित कही जा सकती है। यदि कोई

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

आचार्य धनंजय और उनका प्रसिद्ध वैदिक गुरूकुल पौंधा-देहरादून

ओ३म् देहरादून की धरती सन् 1879 में महर्षि दयानन्द जी के चरणों से पहली बार पवित्र हुई थी जब वह

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

विकासवाद बनाम् वैदिक धर्म

ओ३म् विकासवाद का सिद्धान्त संसार में ऐसे समय पर आया जब विज्ञान विकासशील अवस्था में था। विकासवाद का सिद्धान्त इंग्लैण्ड

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

यदि ऋषि दयानन्द की परम्परा न होती तो हम कहीं पर न होते: आचार्य बालकृष्ण

ओ३म् –आचार्य रामनाथ वेदालंकार जयन्ती महोत्सव सोल्लास सम्पन्न’   पतंजलि योगपीठ के सुप्रसिद्ध यशस्वी आचार्य बालकृष्ण जी ने कहा कि

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्मसामाजिक

सामवदेभाष्यकार आचार्य रामनाथ वेदालंकार का महान व्यक्तित्व

ओ३म् आज 102 वी जयन्ती पर   ऋषि दयानन्द की वैदिक विद्वानों की शिष्य मण्डली में आचार्य रामनाथ वेदालंकार जी

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

स्वामी शंकराचार्य जी का चिन्तन और राष्ट्रीय दार्शनिक सम्मान

ओ३म्   परोपकारी मासिक पत्र के विद्वान सम्पादक डा. धर्मवीर जी ने पत्रिका के जुलाई, 2016 अंक में अपने सम्पादकीय

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