Author: *मनमोहन कुमार आर्य

धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

स्वामी स्वतन्त्रानन्द महर्षि दयानन्द के एक प्रमुख योग्यतम शिष्य

ओ३म् स्वामी स्वतन्त्रानन्द जी महाराज आर्यसमाज के अनूठे संन्यासी थे। आपने अमृतसर के निकट सन् 1937 में दयानन्द मठ दीनानगर

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्मविज्ञान

सृष्टि विज्ञान, वैदिक साहित्य और स्वामी दयानन्द

ओ३म् सृष्टि की उत्पत्ति से जुड़े अनेक रहस्य हैं जिन्हें विज्ञान आज भी खोज नहीं पाया अथवा जिसका विज्ञान जगत

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

मनुष्य व उसके कुछ प्रमुख कर्तव्य

ओ३म् मनुष्य किसे कहते हैं? इसका उत्तर है कि मननशील व्यक्ति को मनुष्य कहते हैं। मननशाल क्यों होना है, इसलिये

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

पाखण्ड खण्डिनी पताका, सद्धर्म प्रचार और महर्षि दयानन्द

ओ३म् किसी भी विषय में सत्य का निर्धारण करने पर सत्य वह होता है जो तर्क व युक्ति के आधार

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

अग्निहोत्र यज्ञ से अनेक लाभ व इसके कुछ पक्षों पर विचार

ओ३म् प्रतिदिन प्रातः व सायं अग्निहोत्र करने का विधान वेदों में है। वेद के इन मन्त्रों को महर्षि दयानन्द ने

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

सृष्टिकर्त्ता ईश्वर प्रदत्त वैदिक धर्म सभी मनुष्यों का परमधर्म

ओ३म् अग्नि आदि किसी पदार्थ के जलना, प्रकाश व गर्मी देना आदि गुणों को उसका धर्म कहा जाता है। मनुष्यों

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

परस्पर पूरक सन्त गुरू रविदास और आर्य समाज

ओ३म् जयन्ती पर भारत के प्रसिद्ध सन्तों में सम्मिलित गुरू रविदास जी ने अपनी अन्तः प्रेरणा पर सांसारिक भोगों में

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

सूक्ष्म ईश्वर स्थूल न होने के कारण आंखों से दिखाई नहीं देता

ओ३म् संसार के अधिकांश लोग ईश्वर के अस्तित्व में विश्वास रखते हैं और बहुत से ऐसे भी है जो ईश्ष्वर

Read More
इतिहास

आर्यसमाज के गगन मण्डल में चमकते नक्षत्र पं. चमूपति

ओ३म् जयन्ती पर महर्षि दयानन्द आर्यसमाज के संस्थापक व निर्माता हैं जिन्होंने ईश्वरीय ज्ञान वेदों की सत्य मान्यताओं, सिद्धान्तों व

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

अनादि अविनाशी जीवात्मा कर्मानुसार जन्म-मरण-जन्म के चक्र अर्थात् पुनर्जन्म में आबद्ध

ओ३म् मनुष्य संसार में जन्म लेता है, अधिकतर 100 वर्ष जीवित रहता है और मृत्यु को प्राप्त हो जाता है।

Read More