ऋषिभक्त व आर्यसमाज के अनुयायी श्री दौलत सिंह राणा और देहरादून में श्री चेसायार का रैफेल होम
ओ३म् हमारे एक मित्र श्री दौलत सिंह राणा देहरादून के रैफेल होम की कुष्ठ रोगियों की कालोनी शिवसदन में अपने
Read Moreओ३म् हमारे एक मित्र श्री दौलत सिंह राणा देहरादून के रैफेल होम की कुष्ठ रोगियों की कालोनी शिवसदन में अपने
Read Moreओ३म् —जिसकी कीर्ति है वह मरता नहीं सदैव जीवित रहता है— वेद-वेदांग, व्याकरण के पण्डित, कर्मयोगी, तपस्वी, वयोवृद्ध विद्वान, आदर्श
Read Moreओ३म् यदि हम अतीत की बातें छोड़कर वर्तमान संसार में विद्यमान मनुष्यादि अनेक प्राणी योनियों में जीवात्माओं के जन्म पर
Read Moreओ३म् भारत का इतिहास उतना ही पुराना है जितना की इस सृष्टि के बनने के बाद प्राणी जगत व मानव
Read Moreओ३म् ईश्वर व मनुष्य में क्या अन्तर है? यह प्रश्न आपको अनुपयुक्त सा लग सकता है परन्तु प्रश्न तो प्रश्न
Read Moreओ३म् महाभारत काल के बाद देश व संसार में वेदों के विद्वान होने के साथ यदि यथार्थवादी महापुरुषों पर दृष्टि
Read Moreओ३म् हम सभी मनुष्य जीवात्मायें हैं जिन्हें ईश्वर की कृपा से मानव शरीर मिला है। जीवात्मा के दो प्रमुख गुण
Read Moreओ३म् ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरुप, निराकार, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, सर्वज्ञ, जीवों के प्रत्येक कर्म का साक्षी व फल प्रदाता है। जीवात्मा सत्य व
Read Moreओ३म् ईश्वर के सत्य स्वरूप का ज्ञान विद्वानों के उपदेशों को सुनकर अथवा वेद वा वैदिक साहित्य के अध्ययन से
Read Moreओ३म् तर्क और युक्ति के आधार से यह सिद्ध किया जा सकता है कि इस संसार का रचयिता और पालक
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